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7 Famous Tourist Places in Nainital: नैनीताल अपने यहाँ मौजूद शांत वातावरण, चारो और फैले
विशाल पर्वत, नैनी झील, Eco Cave, Garni House, Tiffin Top, Snow View Point व कई खूबसूरत जगहों के कारण पर्यटकों के घूमने हेतु मुख्य पर्यटक स्थलों में से एक है।
यहाँ की जलवायु साल भर एक समान रहती है जिस कारण गर्मियों के मौसम में यहाँ पर पर्यटकों का ताँता लगा रहता है। यहाँ के खूबसूरत पर्यटक स्थल व उनकी जानकारी निम्न है-
Snow
View Point
स्नो व्यू पॉइन्ट
स्नो व्यू पॉइंट(Snow View Point) नैनीताल में स्थित एक प्रमुख पर्यटक स्थल है जो समुद्र तल से 2,270 मीटर की ऊंचाई(Height of Snow View Point) पर स्थित है। यहाँ से आप हिमालय का अध्भुत द्र्स्य देख सकते है। वही यहाँ से त्रिशूल पर्वत, नंदा देवी पर्वत तथा नंदा कोट की बर्फ से ढकी पर्वत श्रंखला को भी एक साथ देखा जाया जा सकता है।
स्नो व्यू पॉइंट नैनीताल से 2.5 किमी की दूरी पर स्थित है जहाँ आप रोपवे व टैक्सी द्वारा आसानी से पहुंच सकते है।
यह यहाँ के प्रमुख “शेर का डांडा”(Sher Ka Danda) रिज के शीर्ष पर स्थित है। इसी स्थान पर एक
छोटा से मंदिर बना हुआ है जो देवी “मुंडी” को समर्पित है। वही इस मंदिर में राम, सीता, लक्ष्मण, दुर्गा, हनुमान व अन्य देवी देवताओ के भी चित्र बने हुए है जो दर्शको अपनी और आकर्षित करते आये है।
Tiffin Top
टिफ़िन टॉप
टिफ़िन टॉप(Tiffin
Top) नैनीताल के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है जहाँ
पर्यटक जाना कभी नहीं भूलते। ये मनोरम स्थल
पर्यटकों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है जहाँ से पर्यटक नैनीताल व इसके आस पास
की पहाड़ियों का मनोरम दृश्य देख सकते है।
टिफ़िन टॉप ओक और देवदार के पेड़ो से घिरा हुआ है वही इसको एक अन्य नाम “डोरोथी की सीट”(Derothi ki Seet) के नाम से भी जाना जाता है जिसका नाम एक सेना के अधिकारी कर्नल जे० पी० केलेट द्वारा एक अंग्रेज कलाकार डोरोथी केलेट(Derothi Kelath) की याद में कराया था।
ये स्थल रेपलिंग(Repling) और रॉक क्लाइम्बिंग(Rock Climbing) के लिए भी प्रसिद्ध है। वही
फोटोग्राफी पसंद करने वालो के लिए भी ये स्थल बहुत खूबसूरत है वो यहाँ से अलग अलग
जीव जन्तुवो व बर्फ से ढके पहाड़ो की फोटो खींच सकते है।
Garni
House
गर्नी हाउस
“गर्नी हॉउस”(Garni House) एक प्रसिद्ध शिकारी तथा जिम कॉर्बेट(Jim Corbett) का निवास स्थल है। इस मकान को
जिम कॉर्बेट की मृत्यु बाद बेच दिया गया था जिसे “सरदार प्रसाद वर्मा” “Sardar Prasad Verma“
द्वारा खरीद लिया गया था। यह घर 1881 में बनाया गया था जो देखने में आज भी बहुत खूबसूरत दिखाई पड़ता है।
जिम कॉर्बेट के चाहने वाले आज भी इस मकान को देखने के लिए आया करते है इसके लिए उन्हें इस मकान की मालकिन “नीलांजन डालमिया”(Nilanjan Dalmiya) जो की “सरदार प्रसाद वर्मा”(Sardar Prasad Verma) की पोती है से पूर्व में अनुमति लेनी पड़ती है। इसके भीतर जिम कॉर्बेट द्वारा पाई गई ट्रॉफियां, बोट, फिशिंग रॉड, किताबे व उस समय का फर्नीचर आज भी रखा हुआ मिलता है जिसे पर्यटक देख सकते है।
Naini lake
नैनी झील
नैनी झील(Naini Lake) नैनीताल के मुख्य आकर्षणों में से एक है जो नैनीताल शहर के बीचो-बीच स्थित है। मान्यता के अनुसार देवी सती की आँख इसी स्थान पर आकर गिरी थी जिस कारण यहाँ पर नैनी झील का निर्माण हुआ।
यह झील चारो और से विशाल पहाड़ियों से घिरी हुई है। चारो और फैले पहाड़ व आकाश में छाए हुए बादलो का सुन्दर प्रतिबिम्ब इस झील में देखा जाया जा सकता है जो देखने में बहुत आकर्षक दिखाई पड़ता है। यात्री इस झील में नौकायन, रोइंग, पैडलिंग जैसी गतिविधियों का आनंद ले सकते है। इस झील के उत्तरी भाग को मल्ली ताल तथा दक्षिणी भाग को तल्ली ताल के नाम से जाना जाता है। इसी के इर्द गिर्द पूरा नैनीताल शहर बसा हुआ है।
Naina Devi
Temple
नैना देवी मन्दिर
नैना देवी मंदिर(Naina Devi Temple) नैनीताल के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है जिसका निर्माण देवी सती के शरीर से आंख के गिरने के कारण हुआ था। यह मन्दिर नैनीताल के उत्तरी छोर मल्ली ताल में स्थित है। ये मन्दिर काफी प्राचीन है जिसके दर्शन हेतु बड़ी संख्या में श्रद्धालु दूर-दूर से यहाँ आते है व देवी माँ से अपने व अपने परिवार की कुशलता हेतु प्रार्थना करते है।
मंदिर में हर साल एक विशाल भंडारे का भी आयोजन होता है जिसमे सम्मलित होने भी दूर-दूर से श्रद्धालुवो का नैनीताल आगमन होता है। इस मंदिर में माँ नैना देवी के अलावा भगवन गणेश तथा माँ काली की मुर्तिया भी लगी हुई है। वही इसके प्रवेश द्वार पर पीपल का एक विशाल वृक्ष लगा हुआ है। यह मन्दिर देवी के 51 शक्ति पीठो में से भी एक है।
Guano Hills
गुआनो हिल्स
गुआनो हिल्स(Guano Hilla) नैनीताल के पास स्थित पंगोट की पहाड़ियों(Pangot Hills) में स्थित है जो ओक, देवदार और बांस के पेड़ो से ढके खूबसूरत जंगलो के लिए प्रसिद्ध है। वही प्रकर्ति प्रेमियों व वन्य जीव प्रेमियों(Wildlife) के लिए भी ये स्थल स्वर्ग से कम नहीं है।
वन्य जीव प्रेमी यहाँ पर लुप्त प्राय वनस्पतियो और पक्षियों को देख सकते है। यहाँ पर मुख्यतः ग्रे कठफोड़वा व काली ठोड़ी वाले बैब्लर देखने को मिल जाते है जो अब लुप्त होने को कगार पर है। ट्रैकिंग को पसंद करने वालो के लिए भी ये एक आदर्श ट्रैकिंग स्थल है।
Mall Road
मॉल रोड
मॉल रोड(Mall Road) नैनीताल के मुख्य आकर्षणों(Best things to do in Nainital) व यहाँ के मुख्य बाजारों में से एक है जो तल्लीताल व मल्लीताल को आपस में जोड़ता है। मॉल रोड में आपको होटल, रेस्टॉरेंट, बैंक, ब्रांड्स कपड़ो व अन्य चीजों के शोरूम व खाने-पीने की चीजे देखने को मिलती है। वही इसके एक तरफ खूबसूरत नैनी झील स्थित है जो नैनीताल के मुख्य आकर्षणों में से एक है। अभी कुछ समय पूर्व ही इस रोड का नाम बदलकर “पंडित गोविन्द बल्लभ पंत”(Pd. Govind Ballabh Pant) रख दिया गया है।
नैनीताल पर्यटन के क्षेत्र में देश दुनिया में प्रसिद्ध है। नैनीताल के पास भी कई ऐसे पर्यटक स्थल है जो खूबसूरती में किसी से कम नहीं है। यहाँ कई ऐसे पर्यटक स्थल है जहाँ हर साल लाखो लोग स्वयं या अपने परिवार के साथ घूमने आते है। इन्ही पर्यटक स्थलों में से भवाली(Bhowali), रानीखेत(Ranikhet), सातताल(Sattal), भीमताल(Bhimtal), कौसानी(Kausani),
नौकुचियाताल(Nauchuchiyatal), खुर्पाताल(Khurpatal), रामगढ(Ramgarh), मुक्तेश्वर(Mukteshwar) तथा पिथौरागढ़(Pithoragarh) है जो खूबसूरती में किसी दूसरी अन्य जगहों से कम नहीं है।
आइये विस्तार से जानते है इन पर्यटक स्थलों व यहाँ की खूबसूरती के बारे में–
Ranikhet
रानीखेत
रानीखेत(Ranikhet) कुमाऊँ क्षेत्र का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है जो खूबसूरती में किसी अन्य जगह से कम नहीं है। रानीखेत, नैनीताल से लगभग 56 किमी (Nainital to Ranikhet Distance) की दूरी स्थित है। नैनीताल(Nainital) भर्मण को आने वाले पर्यटक यहाँ की सुंदरता और शांत वातावरण को देखने रानीखेत जा सकते है।
रानीखेत अपनी खूबसूरती, दूर-दूर तक फैली हुई घाटियों, चीड़ व देवदार के वृक्षों से ढके हुए जंगलो तथा प्राकर्तिक सुन्दरता के कारण भारत से लेकर विदेशो तक में प्रसिद्ध है। रानीखेत को “पहाड़ो की रानी”(Pahado ki Rani) के नाम से भी जाना जाता है।
रानीखेत भर्मण के दौरान आप यहाँ होने वाले साहसिक खेलो जैसे पैराग्लाइडिंग, ट्रैकिंग, गोल्फिंग तथा फिशिंग का भी हिस्सा बन सकते है। रानीखेत में कई अन्य ऐसे खूबसूरत पर्यटक स्थल है जहाँ आप रानीखेत यात्रा के दौरान जा सकते है।
रानीखेत के प्रमुख पर्यटक स्थलों(Tourist Places in Ranikhet) में गोल्फ कोर्स(Golf Course), कुमांऊँ रेजिमेंटल सेंटर(Kumaon Regimental Centre), बिन्सर महादेव मन्दिर(Binsar Mahadev Temple), मनकामेश्वर मंदिर(Mankameshwar Temple), मचखाली(Machkhali), ताड़ीखेत(Tadikhet) तथा चौबटिया(Chaubatiya) है जहाँ आप घूमने हेतु जा सकते है।
Bhowali
भवाली
भवाली नैनीताल का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है जो नैनीताल से लगभग 12 किमी की दूरी (Distance between Bhowali to Nainital) पर स्थित है। भोवाली एक शांत व खुली हुई जगह होने के
कारण पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध है। वही यहाँ की जलवायु भी रोगियों के लिए काफी उपयोगी मानी जाती है। टी० वी० जैसी बीमारियों का इलाज करने लोग दूर-दूर से भवाली पहुंचते है।
यहाँ मौजूद चीड़ के वृक्षों की हवा टीबी के मरीजों के लिए उत्तम बताई जाती है। कहा जाता है की कमला नेहरू का इलाज भी इसी अस्पताल मे हुआ था। वही यहाँ एक प्राचीन T.B सैनिटोरियम(T.B Senetorium) है। इसी सैनिटोरियम में मरीजों का इलाज किया जाता था जिसकी स्थापना सन 1922 के दौरान हुई थी।
भवाली की ऊंचाई समुद्र तल से 1,680 मीटर(Height of Bhowali) है जहाँ बहुत अधिक मात्रा में बुराँस के पेड़ पाये जाते है जो मनुष्य के सेहत के लिए भी काफी उपयोगी होते है। वही यहाँ एक फलो की मंडी भी है जहाँ आपको खुमानी, आड़ू, स्ट्रॉबेरी, सेब तथा आलूबुखारा देखने को मिल जायेगा।
भवाली यात्रा के दौरान आप यहाँ के खूबसूरत स्थलों को भी देख सकते है जिनमे से मुख्य रूप से अरबिंदो आश्रम(Arbindo Ashram), श्याम खेत चाय बागान(Shyam Khet Tea Estate), घोड़ाखाल मंदिर(Ghodakhal Temple), फोक कल्चरल संग्रहालय(Folk Cultural Museum), गोलू देवता मंदिर(Golgyu Devta Temple), सतताल(Sattal) तथा भीमताल(Bheemtal) प्रमुख है।
Kausani
कौसानी
कौसानी नैनीताल से लगभग 115 किमी की दूरी(Distance between Kausani to Nainital) पर स्थित है। नैनीताल से कौसानी जाने के लिए कोई सीधी बस सेवा उपलब्ध नहीं है। आप अल्मोड़ा होते हुए कौसानी पहुंच सकते है।
कौसानी उत्तराखंड के जिला बागेश्वर का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है जो समुद्र तल से 6,075 फ़ीट की ऊंचाई(Height of Kausani from Sea Level) पर स्थित है अपनी खूबसूरती व शांत वातावरण के कारण इसे भारत का स्विट्ज़रलैंड(Switzerland of India) भी कहा जाता है।
कौसानी पिंगनाथ(Pingnath) की चोटी पर बसा एक छोटा सा गांव है जो कोसी नदी और गोमती नदी (जानिए उत्तराखंड की अन्य नदियों के बारे में) के बीचो – बीच बसा हुआ है। कौसानी गांव अपनी खूबसूरती, शान्त आबोहवा व् यहाँ से दिखने वाले बर्फ से ढके पहाड़ो के कारण पर्यटकों के बीच एक विशेष स्थान रखता है। यहाँ से आप हिमालय की नंदा देवी पर्वत चोटी (Nanda Devi Peak), नंदाकोट (NandaKot) व त्रिशूल पर्वत चोटी(Trishul Peak) के साथ ही सोमेश्वर(Someshwar), गरुड़(Garud), तथा बैजनाथ(Baijnath) की मनमोहक घाटियों का द्रस्य भी देख सकते है।
वही यहाँ से आपको हिमालय पर्वत का लगभग 350 किमी का बर्फ से ढका क्षेत्र भी देखने को मिलता है जो इस जगह की खूबसूरती को और अधिक बढ़ा देता है।
कौसानी विद्वान् व हिंदी जगत महान कवि सुमित्रानंदन पंत(Sumitranandan Pant) की जन्भूमि भी है। वही दूसरी और देश के राष्ट्रपिता(Father of Nation) कहे जाने वाले महात्मा गाँधी(Mahatma Gandhi) भी कुमाऊँ प्रवास के दौरान कई दिन तक कौसानी में रुके थे। वो जिस आश्रम में यहाँ रुके थे वो आश्रम आज भी अनाशक्ति आश्रम(Anashakti Ashram) के नाम से आज भी वहाँ पर स्थित है जो अब एक शोध केंद्र के रूप में विकसित हो गया है।
कौसानी वहाँ होने वाले साहसिक खेलो के लिए के लिए भी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यहाँ पर पर्यटक रॉक क्लाइम्बिंग(Rock Climbing), ट्रैकिंग(Trekking) का आनंद ले सकते है। यहाँ के ट्रैकिंग स्थल सुन्दरढूंगा ग्लेशियर(Sunder Dhunga Glacier), पिंडारी ग्लेशियर(Pindari Glacier) और मिलम ग्लेशियर(Milam Glacier) देश के सबसे अच्छे ट्रैकिंग रूट्स में से जाने जाते है।
कौसानी में कई ऐसे पर्यटक क्षेत्र है जहाँ आप कौसानी यात्रा के दौरान जा सकते है। यहाँ मुख्य रूप से चाय के बागान(Tea Estate), रुद्रधारी फॉल्स(Rudradhari Falls) और गुफ़ाएँ, बैजनाथ मंदिर(Baijnath Temple), ग्वालदम(Gwaldam), कौसानी टी एस्टेट(Kausani Tea Estate), सुमित्रानंदन पंत संग्रहालय(Sumitra Nandan Pant Musium) आदि घूमने जा सकते है।
Bhimtal
भीमताल
नैनीताल यात्रा के दौरान आप यहाँ से 20 किमी की दूरी पर स्थित भीमताल(Distance between Bhimtal to Nainital) भी घूमने हेतु जा सकते है जो एक शानदार पर्यटक स्थल है। यहाँ एक खूबसूरत झील है जो चारो और से विशाल पहाड़ो से घिरी हुई है जिसे भीमताल झील(Bhimtal Lake) के नाम से जाना जाता है।
मान्यता के अनुसार भीम ने गड्ढा खोदकर इस झील की स्थापना की थी। इस झील के चारो और पहाड़ी पीपल के वृक्ष लगे हुए है। भीमताल झील त्रिभुजाकार झील हैं जिसकी कुल लम्बाई 1,674 मीटर चौड़ाई 447 मीटर तथा गहराई 15 मीटर 50 मीटर तक है।
यह झील समुद्र तल से 1,200 मीटर की ऊंचाई(Height of Bhimtal Lake) पर स्थित है। वही इसके बीचो-बीच एक टापू बना हुआ है जो देखने में काफी आकर्षक नजर आता है। इस टापू पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक विशाल एक्वारियम का निर्माण कराया गया है जहाँ पर आपको अलग अलग किस्म की मछलिया देखने को मिल जाएँगी।
यह टापू दूर से देखने पर एक बड़ी नाव की तरह दिखाई पड़ता है। इस टापू पर आप नाव की सहायता से पहुंच सकते है। वही झील में आप नौकायन का भी आनंद ले सकते है। इस ताल का पानी साफ होने के कारण नीला दिखाई देता है।
यह झील प्रकर्ति प्रेमियों व वन्य जीव प्रेमियों के लिए भी विशेष स्थान रखती है। इस झील में आपको ब्लैक ईगल(Black Eagle), बुलबुल(Bulbul), वॉल कीपर बर्ड्स(Wall Keeper Woods), एम्ब्रेल्ड डव(Embreld Dove), चाइना(China), मैक्सिको और साउथ अफ्रीकन मछलियाँ(Mexican & South African Fish) तथा कई अन्य किस्म की मछलियाँ व पक्षी भी देखने की मिल जायेंगे जिनकी खूबसूरती फोटोग्राफर अपने कमरे या मोबाइल में कैद कर सकते है।
झील के
किनारे पर ही पंडित गोविन्द बल्लभ पंत (Pd. Govind Ballabh Pant) की एक मूर्ति भी बनाई गयी
है वही एक और भीमेश्वर मंदिर (Bhimeshawar Temple) बना हुआ है।
भीमताल यात्रा के दौरान आप यहाँ स्थित भीमेश्वर मंदिर(Bhimeshawar Temple), विक्टोरिया बांध(Victoria Bandh), कारकोटक मंदिर(Karkotak Temple) ही घूमने हेतु जा सकते है।
Naukuchia Taal
नौकुचियाताल
नैनीताल(Nainital) यात्रा के दौरान आप एक और खूबसूरत पर्यटक स्थल नौकुचियाताल (Naukuchiatal) भी भर्मण को जा सकते है। यह एक छोटा सा गांव है जो नैनीताल से लगभग 27 की दूरी (Distance between Nainital to Naukuchiatal) पर स्थित है। यहाँ स्थित नौकुचिया झील एक शानदार व चारो और प्राकर्तिक खूबसूरती से भरी हुई है जिसके टेढ़े-मेढ़े नो कोने है। इसी कारण इस झील का नाम नौकुचियाताल पड़ा।
मान्यता के अनुसार यदि कोई व्यक्ति एक साथ इसके नो कोनो को देख ले तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इस झील का गहरा नीला पानी भी यहाँ आने वाले पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है। झील के भीतर कमल के पुष्प भी लगे हुए है जो देखने में अधभुद दिखाई पड़ते है। झील में आप स्वीमिंग(Swimming), बोटिंग(Boating) व फिशिंग(Fishing) का आनंद भी ले सकते है।
प्रकर्ति प्रेमियो व वन्य जीव प्रेमियों के लिए भी ये एक शानदार जगह है। यहाँ पर पक्षियों की अनेक प्रकार की प्रजातियां पाई जाती है। इसके अलावा ये जगह एडवेंचर को पसंद करने वालो के लिए भी एक आदर्श स्थान है। यहाँ वे माउंटेन बाइकिंग(Mountain Biking), क्याकिंग(Kayaking), लेक क्रासिंग(Lake Crossing) का आनंद ले सकते है।
यहाँ आस पास यात्रियों के रुकने के लिए भी पर्याप्त स्थान है। यहाँ आपको हर बजट में मौजूद होटल, रिसोर्ट, होम स्टे भी मिल जायेंगे जहाँ आप शांति में कुछ दिन गुजार सकते है।
Sattal
सातताल
नैनीताल के पास मौजूद खूबसूरत पर्यटक स्थलों में से एक और खूबसूरत स्थान है सातताल जहाँ हर
साल हजारो पर्यटक शांति की तलाश में आते है। यह झील नैनीताल से 23 किमी की दूरी(Distance between Sattal to Nainital) पर स्थित है जो सात छोटे – छोटे तालो का समूह है। इसी कारण इसे सत्ताल के नाम से जाना जाता है। अब यहाँ पर सात में से 2 ताल पूरी तरह से सूख चुके है तथा अब केवल 5 तालो का ही अस्तित्व बाकी है।
सत्ताल की लम्बाई (Length of Sattal)990 मीटर, चौड़ाई 315 मीटर तथा गहराई 150 मीटर बताई जाती है। पर्यटक विभाग द्वारा इस स्थान को सैलानी क्षेत्र घोषित किया जा चुका है। इस ताल के पास सुन्दर फूलो के साथ लताएँ लगाई गयी है। वही इसमें पुलों का निर्माण भी किया हुआ है जिस कारण यह स्थान अत्यधिक खूबसूरत दिखाई पड़ता है।
इस जगह पर आपको कई किस्म के पक्षी और मछलियों भी देखने को मिल जाएँगी। यहाँ पर मछलिया पकड़ने पर पाबन्दी लगी हुई है जिस कारण यहाँ पर कई बड़ी बड़ी मछलियाँ पाई जाती है।फोटोग्राफर्स के लिए ये जगह फोटो लेने के हिसाब से सर्वोत्तम मानी जाती है।
ये ताल अलग–अलग नाम से बने हुए है जिनमे राम(Ram Tal), लक्ष्मण(Lakshman Tal), सीता(Seeta Tal), गरुण(Garun Tal), सूखा(Sukha Tal), पूर्ण(Purna Tal) तथा नल दमयंती ताल(Nal Damyanti Tal) के नाम से जाना जाता है।
इन तालो के पास ही पर्यटकों के रुकने की पर्याप्त व्यवस्था है। यहाँ पर हर बजट में आपको होटल तथा गेस्ट हाउस उपलब्ध हो जायेंगे। वही यहाँ पर कुमाऊँ विकास मंडल का भी अपना गेस्ट हॉउस बना है जिस में पर्यटक रात्रि विश्राम हेतु रुक सकते है।
Khurpatal
खुर्पाताल नैनीताल में स्थित एक और खूबसूरत पर्यटक स्थल है जिसकी दूरी नैनीताल से लगभग 11 किमी(Distance between Nainital to Khurpatal) है। इस ताल की ऊंचाई समुद्र तल से 1635 मीटर(Height of Khurpa Tal from Sea Level) है। खुरपाताल झील खुर्पाताल नाम के गांव में स्थित है जो यहाँ के सीढ़ीदार खेतो व खुरपाताल नाम(Khurpa Tal lake) की झील के कारण प्रसिद्ध है।
झील का आकार खुरपा की तरह होने के कारण इस झील का नाम खुरपा ताल पड़ा। वही कुछ लोगो के अनुसार 19 वी शताब्दी के समय पर यहाँ पर लोहे के औजारों को बनाने का कार्य होता था शायद इस कारण भी इस झील का नाम खुर्पाताल पड़ा हो। इसकी यह नाम पड़ने की अब तक कोई स्पष्ट वजह पता नहीं लग पाई है। अब ये स्थान वहाँ पाई जाने वाली हरी सब्जियों के लिए प्रसिद्ध है।
यह झील चारो और से पहाड़ो से घिरी हुई है जिनके बीच में ये खूबसूरत झील बनी हुई है। इस झील में लगभग 40 प्रकार के शैवाल पाए जाते है। इन शैवालों के बीज बनने पर यह झील अपना रंग बदल लेती है। इस झील का पानी दूर से देखने पर हल्का हरा दिखाई देता है।
Ramgarh
रामगढ की ऊंचाई समुद्र तल से 1,518 मीटर(Height of Ramgarh) की है जो दो भागो में बटा हुआ है। इसमें से एक मल्ला अर्थात ऊपरी रामगढ(Upper Ramgarh) तथा दूसरा तल्ला अर्थात निचला रामगढ(Lover Ramgarh) के नाम से जाना जाता है।
रामगढ अपनी खूबसूरती व यहाँ के शांत वातावरण के कारण पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है। फिर भी अधिक प्रचार न होने के कारण ये स्थल पर्यटकों की नजरो से काफी दूर है। यहाँ पर किस्म-किस्म के फलो का उत्पादन होता है जिसमे आड़ू, सेब, खुबानी, आलूभुखारा, पुलम, आदि प्रमुख है।बर्फ पड़ने के बाद होने वाला ग्रीन स्वीट सेब व अंत में पकने वाला सेब हरा पिछोला बहुत स्वादिष्ट होता है। यहाँ डिलिशियस, फैनी, गोल्डन किंग तथा जोनाथन किस्म के सेबो की पैदावार बहुतायत में होती है जिसका निर्यात विदेशो तक को किया जाता है।
वही वन्य प्रेमियों के लिए भी ये जगह किसी स्वर्ग से काम नहीं है। यहाँ पर अलग–अलग किस्म के पक्षी देखने को मिल जायेंगे जिन्हे फोटो के शौक़ीन व्यक्ति अपने कमरे में कैद कर सकते है।
रामगढ में प्रसिद्ध कवि रविंद्र नाथ टैगोर(Ravindra Nath Tagore) ने भी अपने आश्रम की स्थापना की है। वही पंडित जवाहर नेहरू को भी ये स्थान काफी प्रिय था। यहाँ से दिखने वाला हिमालय पर्यटकों को मन्त्रमुघ्द कर देता है।
हैलो, दोस्तों मैं पंकज पंत एक ब्लॉगर। दोस्तों लिखने, पड़ने व म्यूजिक (खासतौर से मैगज़ीन जैसे इंडिया टुडे व क्रिकेट सम्राट वगैरह) का शौक पहले से ही था तो सोचा क्यों न कुछ लिखा जाये और लिखा भी वो जाये जिसे पढ़कर पाठको को आनन्द भी आये व उसे पढ़कर उनके ज्ञान में भी कुछ वृद्धि हो सके। परन्तु लिखने के लिए एक लेखन सामग्री की आवश्यकता होती है तो सोचा किस विषय पर लिखा जाये। सोचते हुए दिमाग में आया की क्यों न अपने ही गृह राज्य उत्तराखंड के बारे में लिखा जाये जिसकी पृष्टभूमि बहुत ही विशाल होने के साथ-साथ यहाँ की संस्कृति और सभ्यता भी बहुत विकसित है। वही ये एक शानदार पर्यटक स्थल होने के अलावा धार्मिक दृस्टि से भी परिपूर्ण है। यहाँ हर साल हजारो की संख्या में मेलो व त्योहारों का आयोजन होता रहता है जिसे देखने व इनमे शामिल होने के लिए देश-विदेश से लाखो-करोडो लोग उत्तराखंड आते है व इन मेलों को देखने के साक्षी बनते है। इस कारण मैंने लिखने की शुरुवात की अपने उत्तराखंड से। अपनी इस वेबसाइट में मैंने उत्तराखंड की संस्कृति एवं सभ्यता, उत्तराखण्ड के प्रमुख पर्यटक स्थल, उत्तराखण्ड के प्रमुख मंदिरो, उत्तराखण्ड के प्रमुख नृत्य व संगीत, उत्तराखण्ड के प्रमुख ट्रेक्किंग स्थलों, उत्तराखण्ड के मुख्य डैम, उत्तराखण्ड की झीलों व ग्लेशियर के अलावा यहाँ की प्रमुख पर्वत चोटियों व अन्य विषयो को पाठको के समक्ष प्रस्तुत किया है। जैसे- जैसे मुझे अन्य कोई जानकारी मिलती जाएगी में उन्हें अपने पाठको के समक्ष प्रस्तुत करता रहूँगा। धन्यवाद पंकज पंत
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