Indrahar Pass Trek
इन्द्राहर पास ट्रैक

About Indrahar Pass Trek: हिमाचल अपनी हरी भरी वादियों व खूबसूरती के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध है वही यहाँ विश्व के कुछ सबसे बेहतरीन ट्रैक्स भी शामिल है जिसमे जाने हेतु हर साल लाखो देशी-विदेशी पर्यटक हिमाचल आते है व इन मनोरंजक ट्रैक्स में जाने के भागीदार बनते है। इन्ही ट्रैक्स में से एक बेहद खूबसूरत व हरी भरी वादियों से घिरा हुआ ट्रैक है इन्द्राहर पास ट्रैक जो धौलाधार पहाड़ियों में स्थित है तथा हिमाचल के जिला काँगड़ा में स्थित है इंद्रहार ट्रैक।
जिला चम्बा और जिला काँगड़ा के बिलकुल बीच में स्थित है तथा समुद्र तल से 4,342 मीटर अर्थात 14,245 फ़ीट की उचाई पर स्थित है।
यह ट्रैक धर्मशाला के ट्रैकिंग क्षेत्र का ही एक हिस्सा है तथा धर्मशाला के मैक्लोडगंज से इस ट्रैक की शुरुवात होती है। इस ट्रैक पर जाने के लिए आपको धर्मकोट से त्रिउंड पीक तक जाना होता है उसके बाद त्रिउंड से लाका, ल्हेश केव होते हुए आप इंद्रहार पीक तक पहुंच सकते है। यहाँ से आप काँगड़ा व चम्बा घाटी का विहंगम दृस्य देख सकते है जो देखने में बहुत ही आकर्षक दिखाई पड़ता है परन्तु यहाँ जाने के लिए आपको एक गाइड का होना बहुत जरूरी है। यहाँ जाने के रास्ते पर कई खतरनाक बोल्डर व उबड़-खाबड़ सड़के तथा पतली पगडंडिया आती है जहाँ पर बिना किसी अनुभवी गाइड के जाना अपनी जान को जोखिम में डालने जैसा खतरनाक हो सकता है।
इंद्रहार पर्वत लगभग साल भर बर्फ से ढका रहता है परन्तु अप्रैल से अक्टूबर के बीच यहाँ पर देशी विदेशी पर्यटकों का ताँता लगा रहता है। यह ट्रैक मध्यम से आसान ट्रैकिंग स्थल है जहा से आप हिमालय की खूबसूरती के साथ यहाँ पड़ने वाले छोटे छोटे व खूबसूरत गाँवो को भी निकट से देख सकते है।
इस ट्रैक पर जाने के लिए आपको सबसे पहले त्रिउंड पीक तक जाना होता है जो अपने आप में ही एक खूबसूरत ट्रेकिंग स्थल है जहाँ साल के अधिकतर समय पर्यटकों का ताँता लगा रहता है। वही इंद्रहार पीक से आप मणिमहेश, पीर पंजाल पर्वत श्रेणी के साथ किश्तवार व बारा बंगल जैसे चोटियों को भी देख सकते है। यह ट्रैक घने जंगलो, बड़े बड़े बोल्डरो के बीच से होता हुआ जाता है जहाँ आपको डर के साथ साथ यहाँ की खूबसूरती देख आनंद की प्राप्ति भी होती है।

Things to Carry to go Indrahar Pass Trek
साथ ले जाने वाली वस्तुएँ
इंद्रहार पास ट्रैक(Indrahar Pass Trek) पर जाते समय आपको स्वयं सावधानी बरतने के साथ रोजाना के प्रयोग होने वाली जरूरत की चीजों को भी अपने साथ ले जाना आवश्यक होता है। साथ ही आपको छोटी-मोटी शारीरिक परेशानियों के लिए सर दर्द, पैट ख़राब व अन्य रोगो के उपचार हेतु फर्स्ट ऐड की चीजे व दवाइयां भी जरूर ले जानी चाहिए ताकि आवश्यकता अनुसार जरूरत के समय ये प्रयोग में लाई जा सके।
वहाँ का मौसम प्रति घंटे के हिसाब से बदलता रहता है जिस कारण वहाँ ठण्ड भी अधिक रहती है। इस कारण आपको ठण्ड व बारिश से बचाव हेतु रैनकोट, फुल स्लीव्स पतली जैकेट्स, मंकी कैप, ट्रैकिंग शूज, गर्म मोज़े, मफलर, तौलिए, धुप से बचाव हेतु अच्छे किस्म के चश्मे, कोल्ड क्रीम, लिप बाम, सनस्क्रीन लोशन, एल०ई०डी टॉर्च, गर्म पानी की बोतल, ट्रैकिंग पोल, सिरदर्द की दवाइयाँ जैसे क्रोसिन, डिस्प्रिन, कॉटन, बैंड-ऐड, मूव स्प्रे, गौज, क्रैप बैंडेज आदि चीजे है जो आपको ट्रैक पर जाते समय अपने साथ रखनी चाहिए। इनकी जरूरत आपको ट्रैक पर जाते वक्त कभी भी पड़ सकती है।
यात्रा कार्यक्रम
Itinerary to Indrahar Pass Trek
प्रथम दिवस: मैक्लोडगंज(2000 मी) से त्रिउंड(2875 मी)
दूसरा दिवस: त्रिउंड पीक(9760 फ़ीट) से इलाका पास(11200 फ़ीट, लगभग 5 किमी)
तीसरा दिवस: इलाक़ा पास(11,200 फ़ीट) से लहेश केव्स से इन्द्राहर पास(14,245 फ़ीट) से इलाक़ा पास(कुल 12 किमी)
चौथा दिवस: इलाक़ा पास से मैक्लोडगंज (14 किमी)

इन्द्राहर पास ट्रैक कैसे जाये:
How to go Indrahar Pass Trek
प्रथम दिवस: आपके पहले दिन का ट्रैक की शुरुवात मैक्लोडगंज से शुरू होती है तथा त्रिउंड पीक पर जाकर खत्म होती है। इस दिन का ट्रैक कुल 10 किमी का होता है यह ट्रैक कुल 5 से 6 घंटे का होता है।इस दिन आपको देवदार, ओक के पेड़ो व घने जंगलो के बीच से होकर जाना होता है। त्रिउंड पीक पर पहुंचकर आपको एक बड़ा सा घास का मैदान दिखाई देगा जहाँ आपको लोकल के चरवाले अपनी बकरियों व अन्य जानवरो के साथ तथा कई सारे टेंट लगे दिखाई पड़ जायेंगे।
त्रिउंड पीक से आप काँगड़ा वैली का खूबसूरत नजारा देख सकते है वही बीच में आपको वहां का प्रसिद्ध गालु देवता का मंदिर दिखाई पड़ता है। आप त्रिउंड पीक पर खुले आसमान व तारो के बीच रात गुजार सकते है।ये रात आपके जीवन में कभी न भूलने वाली रात हो सकती है।
दूसरा दिन: आपके दूसरे दिन की शुरुवात त्रिउंड पीक(Triund Peak) से शुरू होकर इलाका पास तक जाती है। इलाका पास की ऊंचाई समुद्र तल से 11200 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है वही इसकी दूरी त्रिउंड पीक से 5 किमी पड़ती है। इस दिन का ट्रैक भी लगभग पहले दिन की तरह ही होता है जहाँ आपको रास्ते में बड़े बड़े घास के मैदान दिखाई पड़ते है। वही लगभग 2 किमी की दूरी पर स्नो लाइन कैफ़े मिलता है जहाँ आप कुछ देर आराम कर सकते है। यहाँ से लगभग 3 किमी की दूरी पर इलाका पास पीक आता है इलाका पास पीक पर पहुंचने पर आपको शांति का अनुभव महसूस होता है। यहाँ से आप इन्द्राहर पास पीक को आसानी से देख सकते है यहाँ से आप सूर्यास्त का खूबसूरत नजारा देख सकते है।
वही शाम के समय पर आसमान के साफ़ होने पर आसपास की पर्वत श्रंखला को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। इलाका पास पीक में आप टेंट लगाकर रात्रि विश्राम कर सकते है। यहाँ की शांति आपके मन को मोह लेगी। वही खुले आकाश के नीचे तारो के बीच की रात आप अपने जीवन में कभी नहीं भूल पाएंगे।
तीसरा दिन: तीसरे दिन की शुरुवात इलाका पास से शुरू होकर लहेश गुफा होते हुए इंद्रहार पास तक जाती है जो समुद्र तल से लगभग 14,245 फ़ीट की उचाई पर स्थित है। वही आज का दिन का ट्रैक भी अन्य दिनों की अपेक्षा कठिन व अधिक लम्बा होता है जिस कारण आपको मानसिक व शारीरिक रूप से मजबूत होने की आवश्यक्ता होती है। इस दिन आपको अपने साथ पानी व ग्लूकोस के बिस्कुट साथ रखने की सलाह दी जाती है।
अधिक ऊंचाई होने के कारण सिकनेस होने का खतरा बना रहता है व Dehyderation होने की शिकायत भी आ सकती है इस कारण आपको पानी व ग्लूकोस के बिस्कुट साथ ले जाने चाहिए व समय समय पर पानी भी पीते रहना चाहिए।
इलाका पास से इन्द्राहर तक का रुट पूरी तरह से खड़ी चढ़ाई वाला है तथा बीच बीच में आपको पत्थरो के बड़े बड़े बोल्डरो को पार कर जाना होता है। यहाँ वनस्पतियाँ व फल-फूल केवल मानसून के सीज़न में ही दिखाई पड़ते है अन्य समय पर आपको पूरा मार्ग सूखा ही दिखाई पड़ता है। आपको पतली पगडंडियों से होते हुए जाना होता है इस कारण आपको काफी संभल संभल के पैर रखने की आवस्यकता होती है थोड़ी सी चूक भी आपको काफी नीचे पहुँचा सकती है व चोट लगने का खतरा भी रहता है।
इलाका दर्रे से लगभग 1 घंटा चलने के बाद वह आपको लहेश गुफाएं दिखाई देंगी। आप इन गुफाओं में क्रॉलिंग होकर जाना पड़ता है क्योकि गुफाएँ उचाई में काफी छोटी है इस कारण आपको क्रॉलिंग करते हुए गुफा के अंदर तक जाना होता है। यहाँ पर रुकने के लिए आपको स्लीपिंग बैग की आवश्यकता होती है क्योकि इसके अंदर टेंट लगाने तक की जगह नहीं होती है। यहाँ से निकलकर आप लगभग 2 घंटे में इन्द्राहर पास तक पहुंच जायेंगे परन्तु इस बीच आपको चढ़ाई पर और कही–कही क्रॉलिंग करते हुए जाना होता है।
इंद्रहार पास(Indrahar Pass) पर पहुंचकर आप रास्ते की सारी थकान भूल जायेंगे। यहाँ से चारो और आपको हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियाँ व चम्बा व जिला काँगड़ा की खूबसूरत घाटियों को भी निहार सकते है। वहाँ कुछ देर रूककर आपको वापस इलाक़ा पास पर आने की सलाह दी जाती है।
नीचे की तरफ आते हुए आपको धीरे–धीरे उतरने की सलाह दी जाती है अन्यथा आपके घुटनो के जाम होने की शिकायत आ सकती है। इस दिन आपको लगभग 10 घंटे तक चलना पड़ सकता है। इलाक़ा पास पर पहुँचकर आप अपना भोजन कर प्यारी से नींद लेने चाहिए जिससे आप अगले दिन के लिए अपने आप को तंदुरस्त बनाये रख सके।
चौथा दिन: चौथा दिन आपके ट्रैक का अंतिम दिन होता है इस दिन आपको इलाका पास से मैक्लोडगंज तक आना होता है। इस दिन आपको नीचे की तरफ को आना होता है जिस कारण आपके घुटनो के जाम होने या मुड़ने की शिकायत आ सकती है। इस कारण आपको धीरे धीरे चलने की सलाह दी जाती है।
आप नीचे आकर गालु देवता के मंदिर से आकर मैक्लोडगंज तक के लिए टैक्सी ले सकते है अन्यथा आप मैक्लोडगंज के लिए पैदल भी आ सकते है। यहाँ आकर आपके ट्रैक का समापन होता है। यहाँ से आप अपने अपने गंतव्य हेतु बस या टैक्सी से वापस जा सकते है। मैक्लोडगंज अथवा धर्मशाला अन्य शहरों से सड़क मार्ग द्धारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

इन्द्राहर पास ट्रैक कैसे जाये
How to go Indrahar Pass Trek
By Air: हवाई मार्ग द्धारा: इन्द्राहर पास ट्रैक पर जाने के लिए सबसे पास स्थित हवाई अड्डा गग्गल में है जो की धर्मशाला से 13 किमी की दूरी पर स्थित है। नई दिल्ली से यहाँ तक के लिए आपको फ्लाइट की सुविधा आसानी से उपलब्ध हो जाएगी और यदि दिल्ली के अतिरिक्त आप कही और से इन्द्राहर पास ट्रैक पर आना चाह रहे है तो आपको चंडीगढ़ तक ही विमान सेवा उपलब्ध हो पायेगी। वहाँ से आप सरकारी वाहन द्धारा या प्राइवेट टेक्सी बुक कर धर्मशाला तक पहुंच सकते है। धर्मशाला से चंडीगढ़ तक की दूरी लगभग 275 किमी पड़ती है।
By Bus: सड़क मार्ग द्धारा: इन्द्राहर पास ट्रैक पर जाने के लिए सबसे पास स्थित बस स्टेशन धर्मशाला है।यहाँ से आप टैक्सी द्धारा धर्मकोट तक पहुंच सकते है। धर्मशाला देश के अधिकतर हिस्सों से आसानी से जुड़ा हुआ है। इसके अतिरिक्त आप पठानकोट तक ट्रैन द्धारा पहुँचकर वहाँ से हिमाचल की सरकारी बस या किराये की टैक्सी करके धर्मशाला तक आसानी से पहुंच सकते है। पठानकोट से धर्मशाला तक की दूरी लगभग 91 किमी होती है वही दिल्ली से धर्मशाला तक बस से दूरी लगभग 520 किमी पड़ती है।
इंद्रहार पास ट्रैक पर कब जाये
When to go Indrahar pass Trek
इन्द्राहर पास ट्रैक पर जाने के लिए सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितम्बर से लेकर नवम्बर तक का होता है उसके बीच सावन का मौसम होने के कारण ट्रैक पर फिसलन रहती है जिस कारण ट्रैकर्स को जाने में काफी परेशानियों व फिसलन के कारण गिरने का डर बना रहता है। वही दिसम्बर से फ़रबरी तक यहाँ जम के बर्फवारी होने के कारण यहाँ चारो और बर्फ ही बर्फ दिखाई पड़ती है जिस कारण ट्रैकर्स का यहाँ आना मुश्किल हो जाता है सही मौसम पर यहाँ आकर आप यहाँ पर प्रकर्ति का भरपूर आनंद ले सकते है।