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Places to visit in Chopta in Hindi: चोपता उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है जहाँ दूर-दूर से पर्यटक मनोरंजन हेतु आते है। यहाँ नजदीक में कई ऐसे स्थान है जो पर्यटकों का मन मोह लेते है। यहाँ पास में ही विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम है जो पांच केदारो में से एक है तथा विश्व भर से श्रद्धालु यहाँ भगवान शिव के p[साक्षात् रूप के दर्शन हेतु आते है।
केदारनाथ धाम के अतिरिक्त यहाँ पास में ही कल्पेश्वर मंदिर, तुंगनाथ, मद्महेश्वर मंदिर, केदारनाथ कस्तूरी मृग अभयारण्य, चंद्रशिला ट्रैक, देवरिया ताल, कालीमठ आदि स्थान है जिन्हे यहाँ की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को अवश्य जाना चाहिए।
जो पंच केदारो तथा 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। केदारनाथ मंदिर हिन्दुओं की धार्मिक आस्था का भी केन्द्र है जो भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर के दर्शन हेतु प्रति वर्ष लाखो लोग यहाँ की यात्रा करने आते है। वही यह मन्दिर उत्तराखण्ड में साल में सर्वाधिक भीड़ वाला मंदिर भी है। इस मंदिर में भगवान शिव के अतिरिक्त 200 अलग–अलग देवताओ की मूर्तियाँ स्थापित है।
2- Tungnath Temple in Hindi: तुंगनाथ मन्दिर: तुंगनाथ मन्दिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है
जो चोपता से 3 किमी की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर 1,000 साल से भी ज्यादा पुराना माना जाता है जो इतनी ऊंचाई पर स्थित एकमात्र शिव मन्दिर है।
यह मन्दिर समुद्र तल
से 3,460 मीटर की ऊंचाई पर
स्थित है तथा भगवान शिव के पंच केदारो में से एक माना जाता है। यह पूरा 3 किमी का क्षेत्र
बुग्यालो से भरा हुआ है। यहाँ से ही लगभग 14,000 फ़ीट की ऊंचाई पर
चन्द्रशिला पड़ती है। यह मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए भी काफी प्रसिद्ध है जिसे
देखने दूर-दूर से श्रद्धालु यहाँ आते है।
3- Chandrashila Trek in Hindi: चंद्रशिला ट्रैक: चन्द्रशिला ट्रैक अपने रोमांचक सफर के लिए जाना जाता है जो चन्द्रशिला पर्वत पर बसा हुआ है। यह समुद्र तल से 14,000 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहाँ की यात्रा आपको ट्रैक द्धारा करनी होती है जो चोपता से शुरू होता है।
यह पूरी यात्रा रोमांच
से भरी हुई है जहाँ आप बर्फ से ढके विशाल पर्वतो के साथ पूरा चोपता गांव व
सम्पूर्ण घाटी की खूबसूरती को देख सकते है। यह ट्रैक लगभग 1.5 किमी का होता है जिस
में आप हिमालय की लम्बी पर्वत श्रंखला को देख सकते है।
4- Devariya Tal in Hindi: देवरिया
ताल: देवरिया ताल तुंगनाथ
मंदिर के दक्षिण की तरफ पड़ता है जो एक शानदार झील है जो समुद्र तल से 2438 मीटर की ऊंचाई पर
स्थित है। यह झील अपने चारो तरफ की खूबसूरती व अपने नीले पानी के अन्दर चौखम्बा
पर्वत चोटी की शानदार परछाई के कारण प्रसिद्ध है। इस झील में पड़ने वाली परछाई
पर्यटकों का मन मोह लेती है।
झील के चारो और घने
जंगल है जो यहाँ की सुंदरता को और अधिक बढ़ा देते है। यहाँ आकर आप सुकून के कुछ पल
प्राप्त कर सकते है। यहाँ पर ट्रैक कर भी जा सकते है जहाँ से आप संपूर्ण क्षेत्र
की सुंदरता को निहार सकते है।
5- Kalimath Temple in Hindi: कालीमठ मन्दिर: चोपता के आस पास कई धार्मिक स्थल है जिनमे से कालीमठ भी एक है। यह मंदिर जिला रुद्रप्रयाग के प्रमुख मंदिरो में से एक है यह मंदिर भारत के प्रसिद्ध 108 शक्ति पीठो में से एक है।
यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 1,800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जहॉ प्रति वर्ष हजारो लाखो श्रद्धालु माता काली के दर्शन हेतु आते है व पुण्य की प्राप्ति करते है। यह मंदिर चारो और से घने जंगलो और विशाल पहाड़ो से घिरा हुआ है तथा सरस्वती नदी के तट पर बसा हुआ है।
6-
Ukhimath
Temple in Hindi: ऊखीमठ
मंदिर: ऊखीमठ मंदिर
रुद्रप्रयाग जिले के प्रमुख मंदिरो में से एक है वही इस जिले के प्रमुख धार्मिक
स्थलों में से भी मुख्य है। इस स्थान पर भगवान शिव, पार्वती, देवी उषा तथा बाणासुर के कई सारे मंदिर स्थित है। यहाँ पर भगवान केदारनाथ का
मंदिर है।
यहाँ का शिवलिंग बर्फ से बना हुआ है जिस कारण ये
मंदिर श्रद्धालुओं के आकर्षण के केंद्र में रहता है। यह मंदिर समुद्र तल से 1,317 मीटर की ऊंचाई पर
स्थित है। सर्दियों के समय पर भगवान केदारनाथ की मूर्ति इसी मंदिर में रखी जाती
है। इस मंदिर से हिमालय की बर्फ से ढकी पर्वत श्रंखला की सुन्दरता को आसानी से
देखा जाया जा सकता है।
7- Madhmaheshwar Temple in Hindi: मदमहेश्वर मन्दिर: मदमहेश्वर मन्दिर चोपता के खूबसूरत पर्यटक व धार्मिक स्थलों में से एक है जो चोपता के मंसूना गांव के पास स्थित है। ये मंदिर चारो और से घने जंगलो से घिरा हुआ है तथा भगवान शिव को समर्पित है।
मदमहेश्वर मन्दिर की ऊंचाई समुद्र तल से 3,497 मीटर (Height of Madmaheshwar temple) है। इस मन्दिर में भगवान शिव के पेट की पूजा की जाती है। मान्यता के अनुसार इस मंदिर का निर्माण निर्माण पांडवो द्वारा कराया गया था।
मान्यता के अनुसार पांडव युद्ध के दौरान अपने भाई कौरवो की हत्या के दोषी थे तथा भगवान शिव से माफ़ी मांगने हेतु उन्हें ढूंढ़ने निकले थे । पांडवो को देखकर भगवान शिव द्वारा खुद को नंदी बैल के रूप में बदल लिया गया तथा गढ़वाल के हिमालय पर्वतो में जाकर छुप गए थे।
बाद में भगवान शिव का शरीर पाँच अलग-अलग स्थानों से निकला था। माना जाता है इस मन्दिर में भगवान शिव का पेट निकला था। तभी से इस स्थान पर भगवान शिव के पेट की पूजा की जाने लगी। आज भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव की स्तुति हेतु यहाँ आते है।
8- Kanchula Korak Musk Deer Sanctuary in Hindi: कांचुला कोरक मस्क डियर पार्क: यदि आप वन्य जीव के शौक़ीन है तो यहाँ पर चोपता – गोपेश्वर रोड पर स्थित Kanchula Korak Musk Deer Sanctuary में भ्रमण हेतु जा सकते है जो लगभग 5 Sq. Km मे फैला हुआ है जहाँ आप कई प्रकार के हिमालयी पशु व पक्षियों को देख सकते है। यहाँ आपको लगभग 15 प्रकार के जानवर तथा 150 किस्म के पक्षी देखने को मिल जायेंगे।
पशु प्रेमी व वन्य जीव प्रेमियों के लिए ये पार्क किसी अचरज से काम नहीं है। वन्य जीव प्रेमी यहाँ दुर्लभ किस्म के जीव जन्तुवो को अपने कैमरे में कैद कर सकते है। इस पार्क में मुख्य रूप से हिमालयन मोनाल, बाघ, तीतर, मस्क डियर, भूरे भालू, थार तथा बर्फ में पाये जाने वाले चीते दिखाई पड़ते है जिनमे से अधिकतर अब लुप्त होने की कगार में है।
हैलो, दोस्तों मैं पंकज पंत एक ब्लॉगर। दोस्तों लिखने, पड़ने व म्यूजिक (खासतौर से मैगज़ीन जैसे इंडिया टुडे व क्रिकेट सम्राट वगैरह) का शौक पहले से ही था तो सोचा क्यों न कुछ लिखा जाये और लिखा भी वो जाये जिसे पढ़कर पाठको को आनन्द भी आये व उसे पढ़कर उनके ज्ञान में भी कुछ वृद्धि हो सके। परन्तु लिखने के लिए एक लेखन सामग्री की आवश्यकता होती है तो सोचा किस विषय पर लिखा जाये। सोचते हुए दिमाग में आया की क्यों न अपने ही गृह राज्य उत्तराखंड के बारे में लिखा जाये जिसकी पृष्टभूमि बहुत ही विशाल होने के साथ-साथ यहाँ की संस्कृति और सभ्यता भी बहुत विकसित है। वही ये एक शानदार पर्यटक स्थल होने के अलावा धार्मिक दृस्टि से भी परिपूर्ण है। यहाँ हर साल हजारो की संख्या में मेलो व त्योहारों का आयोजन होता रहता है जिसे देखने व इनमे शामिल होने के लिए देश-विदेश से लाखो-करोडो लोग उत्तराखंड आते है व इन मेलों को देखने के साक्षी बनते है। इस कारण मैंने लिखने की शुरुवात की अपने उत्तराखंड से। अपनी इस वेबसाइट में मैंने उत्तराखंड की संस्कृति एवं सभ्यता, उत्तराखण्ड के प्रमुख पर्यटक स्थल, उत्तराखण्ड के प्रमुख मंदिरो, उत्तराखण्ड के प्रमुख नृत्य व संगीत, उत्तराखण्ड के प्रमुख ट्रेक्किंग स्थलों, उत्तराखण्ड के मुख्य डैम, उत्तराखण्ड की झीलों व ग्लेशियर के अलावा यहाँ की प्रमुख पर्वत चोटियों व अन्य विषयो को पाठको के समक्ष प्रस्तुत किया है। जैसे- जैसे मुझे अन्य कोई जानकारी मिलती जाएगी में उन्हें अपने पाठको के समक्ष प्रस्तुत करता रहूँगा। धन्यवाद पंकज पंत
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