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10 Tourist Places to visit in Ranikhet
रानीखेत के प्रमुख पर्यटक स्थलों में ताड़ीखेत, सनसेट पॉइंट, खूंट, द्धारहाट, चौबटिया, चिलियनोला, शीतलाखेत, धोलीखेत, झूला देवी मन्दिर, दुनागिरि, गोल्फ कोर्स, भालू डैम, आशियाना पार्क तथा मछखाली है।
रानीखेत यात्रा के दौरान आपको इन स्थलों की यात्रा एक बार जरूर करनी चाहिए इनमे से चौबटिया अपने अपने चारो ओर फैले बाग बगीचों तथा झरनो के लिए प्रसिद्ध है वही चिलियनोला में एक भव्य मंदिर है जिसमे हेड़ाखान, हेड़ाखान बाबा का भव्य मंदिर व कई अन्य देवी-देवताओ के प्राचीन व कलात्मक मन्दिर है।
शीतलाखेत अपनी ट्रैकिंग स्थल के लिए प्रसिद्ध है वही यहाँ पर आपको ठहरने के लिए होटल आदि भी किराये पर आसानी से उपलब्ध हो जायेंगे। वही धोलीखेत पिकनिक स्पॉट है जहाँ आप अपने परिवार के साथ पिकनिक पर जाने का लुत्फ़ उठा सकते है। (
द्धारहाट कलात्मक दृष्टि से महत्वपूर्ण है जहाँ पर आपको पुरानी शैली के 60 से भी ज्यादा मंदिर देखने को मिल जायेंगे। वही मछखाली एक सुन्दर पर्यटक स्थल है जहाँ से पर्यटक हिमालय की खूबसूरती को नजदीक से देखने का आनंद ले सकते है।
10 Tourist places to visit in Ranikhet
चौबटियाँ
रानीखेत का एक प्रमुख आकर्षण है जहाँ से आप दूर-दूर तक फैली हिमालय की पर्वत
चोटियों की विस्तृत पर्वत श्रंखला देख सकते है। यहाँ से आप नंदादेवी,
नन्दाघुंघटी,
त्रिशूल
तथा नीलकंठ पर्वत की बर्फ से ढकी पर्वत चोटियों को देखने का आनंद ले सकते है।
यह स्थान रानीखेत से 10 किमी की दूरी पर
स्थित है।
यह
एक खूबसूरत पर्यटक व पिकनिक पॉइंट भी है जो चारो और से ओक,
साइप्रस,
पाइन
तथा रोडोडेंड्रोन के वृक्षों घिरा हुआ है। यहाँ हर साल बड़ी संख्या में
देशी-विदेशी पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है।
यही पर एशिया का फलो
का सबसे बड़ा बागान स्थित है। वही यहाँ स्थित हॉर्टिकल्चर गार्डन भारत सबसे बड़े हॉर्टिकल्चर
गार्डन में से भी एक माना जाता है जो लगभग 256 एकड़ के क्षेत्र में
फैला हुआ है जो पर्यटकों के आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र बिंदु है।
इन बगीचों में बड़ी तादाद में आड़ू,
पुलम,
सेब
तथा खुबानी की पैदावार होती है। वही यहाँ तकरीबन 36 किस्म सेबो का भी
उत्पादन किया जाता है जिसका निर्यात विदेशो तक को होता है।
ताड़ीखेत, रानीखेत में स्थित एक
खूबसूरत पर्यटक स्थल है जो रानीखेत से 8 किमी की दूरी पर
स्थित है। रानीखेत से यहाँ तक आप 30 मिनट में पहुँच सकते है।
रानीखेत से ताड़ीखेत तक बस या प्राइवेट वाहन द्वारा आसानी से पहुँचा जाया जा सकता
है।
यह एक खूबसूरत पर्यटक स्थल है जहाँ स्वयं महात्मा गाँधी 1925 में कुमाऊँ भ्रमण के दौरान रुके थे। यहाँ महात्मा गाँधी के नाम से एक कुटिया भी बनाई गई है जिसे गाँधी कुटी के नाम से जाना जाता है।
आजादी के समय पर ताड़ीखेत में ही आंदोलन आदि के लिए रणनीति आदि बनाई जाती थी। ताड़ीखेत में ही कुमाऊँ क्षेत्र का प्रमुख मंदिर गोलू देवता स्थित है जो पूरे कुमाऊँ क्षेत्र में काफी पूजनीय माने जाते है जहाँ पूजा इत्यादि हेतु श्रद्धालु दूर-दूर से यहाँ पहुंचते है।
Shitalakhet in Hindi: शीतलाखेत एक शानदार टूरिस्ट प्लेस
शीतलाखेत
उत्तराखण्ड में स्थित खूबसूरत जगहों में से एक है जहाँ से हिमालय की ऊंची चोटियों
को देखने का आनंद लिया जाया जा सकता है वही नए शादी के जोड़ो हेतु भी ये एक परफेक्ट
हनीमून स्थल है।
प्रकर्ति
व वन्य जीव को पसंद करने वालो के लिए भी एक आदर्श स्थल है। शीतलाखेत चारो और से
देवदार व पाइन के घने वृक्षों से घिरा हुआ है जहाँ हर पल आपको पक्षियों की चहचहाहट
आपको भाव विभोर कर देगी।
यह जगह रानीखेत से लगभग 25 किमी की दूरी पर स्थित है जहाँ पहुँचने में आपको 1 घंटे तक का समय लग जाता है। यह जगह ट्रैकिंग और कैंपिंग पसंद करने वालो के लिए भी किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यहाँ चारो और की हरियाली तथा दूर-दूर तक फैली घाटियाँ आपको वही कुछ समय बिताने हेतु मजबूर कर देंगी।
शीतलाखेत से 4 किमी की दूरी पर स्थित स्याही देवी के मंदिर में यहाँ के लोगो की अगाथ आस्था है। श्रद्धालु दूर-दूर से इस मंदिर में पूजा-पाठ करने हेतु यहाँ पहुंचते है वही पिकनिक जाना पसंद करने वालो के लिए भी ये जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
झूला देवी मन्दिर रानीखेत में स्थित प्रमुख मंदिरो में से एक है जो हिन्दू देवी माँ दुर्गा को समर्पित है। इस मन्दिर में माँ दुर्गा को पालने पर देखा जाया जा सकता है।
इस मन्दिर का निर्माण 8 वी सदी में होना बताया जाता है। वही स्थानीय लोगो के अनुसार ये मंदिर 700 वर्ष से भी पुराना है। इस मंदिर में सैकड़ो ताम्बे की घंटियाँ लगी हुई है।
मान्यता के अनुसार माँ दुर्गा अपने भक्तो की मनोकामनाएं पूर्ण करती है उसके पश्चात श्रद्धालु मंदिर में ताम्बे की घंटियाँ चढ़ाते है। वही इस मन्दिर के पास में ही स्थित राम मन्दिर की भी लोगो में अपार श्रद्धा है।
पौराणिक
कथाओ के अनुसार इस मंदिर का निर्माण यहाँ के जंगली जानवरो पर देवी माँ दुर्गा की
कृपा रखने के उद्देस्य से किया गया था।
माना
जाता है की एक बार एक चरवाहे के सपने में माँ दुर्गा आयी तथा उन्होंने उसे इस जगह
पर खुदाई कर मूर्ति निकालने हेतु कहा गया। बाद में खुदाई के पश्चात इसी जगह पर एक
मूर्ति निकली तथा बाद में यही पर मंदिर का निर्माण करवाया गया।
द्वाराहाट ऐतिहासिक दृस्टि से महत्वपूर्ण स्थल है जो उत्तराखण्ड राज्य के जिला अल्मोड़ा में स्थित है। ये उत्तराखंड का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है जिससे मंदिरो की राजधानी या मंदिरो का गांव कहकर भी जाना जाता है।
द्वाराहाट में लगभग 55 प्राचीन मंदिर बने है परन्तु यहाँ मुख्यतः तीन प्रकार के मंदिर विराजित है जो कचहरी, मनिया तथा रत्नदेव है। जबकि यहाँ के प्रमुख मंदिरों में शक्ति मंदिर, बद्रीनाथ मंदिर, मृतुंजय मन्दिर, पाण्डुखोली, मेथोडिस्ट चर्च, केदारनाथ मंदिर, कलिका देवी मन्दिर, गरुण वनदेव मन्दिर, ध्वज मन्दिर, गूजरदेव मंदिर आदि प्रसिद्ध है।
रानीखेत
अपने यहाँ मौजूद गोल्फ कोर्स के लिए पुरे भारत में प्रसिद्ध है यहाँ मौजूद गोल्फ
कोर्स भारत के सबसे अच्छे गोल्फ कोर्स में शुमार किया जाता है।
यह
मैदान रानीखेत से लगभग 5
किमी की दूरी पर स्थित है। रानीखेत से नजदीक होने के कारण ये
पर्यटकों के घूमने हेतु एक आदर्श जगह है। आर्मी एरिया होने के कारण यहाँ सफाई
व्यवस्था भी बहुत शानदार है। पर्यटक यहाँ बहुत काम पैसे देकर गोल्फ कोर्स के अंदर
जाकर गोल्फ खेलने का आनंद ले सकता है।
विदेशी भी बड़ी संख्या में यहाँ गोल्फ खेलने हेतु आते है। ये गोल्फ कोर्स 9 गड्डो तथा सुनहरी तथा मखमली घास वाला मैदान है जो गुलमर्ग के बाद एशिया का दूसरा सबसे बड़ा व प्राकर्तिक गोल्फ कोर्स माना जाता है। यह मैदान रानीखेत में पर्यटक गतिविधियों का भी मुख्य आधार है।
रानीखेत आये है तो एक बार आशियाना पार्क तो जाना बनता है। ये पार्क रानीखेत के के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है जो हर उम्र के लोगो को अपनी और आकर्षित करता आया है।
यह इस क्षेत्र का पहला पार्क है इस पार्क में हर्बल गार्डन, फव्वारा तथा बच्चो के खेलने के लिए एक अलग क्षेत्र बना हुआ है। वही यहाँ से आपको हिमालय की विस्तृत पर्वत श्रंखला भी देखने को मिलती है।
इस पार्क में जाने के लिए आपको कुछ एंट्री फीस देनी पड़ती है। ये पार्क आपके और आपके परिवार के लिए एक परफेक्ट पिकनिक प्लेस हो सकता है।
Bhalu Dam: रानीखेत का प्रसिद्ध भालू डैम
भालू डैम रानीखेत में स्थित चौबटियाँ गार्डन से 3 किमी की दूरी पर स्थित है। यह एक छोटा पर बहुत खूबसूरत बाँध जिसका निर्माण अंग्रेज शासनकाल के दौरान सन 1903 को करवाया गया था। इसी बाँध द्वारा अंग्रेज कार्यकाल के समय उनके पीने के पानी की जरूरते पूरी होती थी।
यहाँ से हिमालय पर्वत की विस्तृत पर्वतमाला देखी जा सकती है। ये जगह पर्यटकों के लिए साल भर खुली रहती है।पर्यटक यहाँ पास में ही मौजूद बगीचे में आराम करने का लुत्फ़ उठा सकते है। यहाँ पर आप हर समय पक्षियों के चहचहाने व चारो और के खूबसूरत नजारो का लुत्फ़ उठा सकते है।
मजखाली रानीखेत से 12 किमी किमी की दूरी पर स्थित एक खूबसूरत पर्यटक स्थल है जहाँ आप अपने
परिवार के साथ घूमने अथवा पिकनिक पर जाने का लुत्फ़ उठा सकते है।
यहाँ खूबसूरती चारो तरफ बिखरी हुई है। वही यहाँ से आप हिमालय पर्वत की सुन्दर चोटियों को स्पष्ट रूप से देख सकते है।
इस जगह पर बड़ी संख्या में प्राकर्तिक जड़ी- बूटियों का उत्पादन भी होता है जिनमे से कई जड़ी-बूटियों को वहाँ के लोकल व्यक्ति भी पहचान नहीं पाते है। यहाँ होने वाली बूटियों का कई असाध्य रोगो में इस्तेमाल किया जाता है। मजखाली में ही एक प्राचीन काली मंदिर भी स्थापित है जिसकी यहाँ आसपास रहने वालो में अपार श्रद्धा है।
Haidakhan Temple: रानीखेत का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैड़ाखान मंदिर
हिमालय की शांत पहाड़ियों तथा
प्रकर्ति की गोद पर बना हुआ है। हैड़ाखान मंदिर जो रानीखेत के
प्रमुख पर्यटक व धार्मिक स्थलों में से एक है। यह
मंदिर रानीखेत से 6 किमी की दूरी पर चिलियानौला
में स्थित है जो भगवान शिव और बाबा हैड़ाखान को समर्पित है।
यह खूबसूरत मंदिर सफ़ेद संगमरमर
के पत्थर से बना हुआ है जहाँ से आप हिमालय की पर्वत चोटियों का साफ़ नजारा देख सकते
है। वही आप नंदा देवी, पंचाचूली, तथा चौखम्बा पर्वत की बर्फ पड़ी चोटियों का भी शानदार नजारा देखा जाया
जा सकता है।
इस मंदिर की स्थापना बाबा हैड़ाखान द्वारा कराई गई थी जो अपने चमत्कारों के कारण आसपास के गावो में काफी पूजनीय थे। उनकी मृत्यु के पश्चात उनकी मूर्ति भी इस मंदिर में लगवाई गई थी जिसकी पूजा अर्चना हेतु आज भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहाँ पहुंचते है।
हैलो, दोस्तों मैं पंकज पंत एक ब्लॉगर। दोस्तों लिखने, पड़ने व म्यूजिक (खासतौर से मैगज़ीन जैसे इंडिया टुडे व क्रिकेट सम्राट वगैरह) का शौक पहले से ही था तो सोचा क्यों न कुछ लिखा जाये और लिखा भी वो जाये जिसे पढ़कर पाठको को आनन्द भी आये व उसे पढ़कर उनके ज्ञान में भी कुछ वृद्धि हो सके। परन्तु लिखने के लिए एक लेखन सामग्री की आवश्यकता होती है तो सोचा किस विषय पर लिखा जाये। सोचते हुए दिमाग में आया की क्यों न अपने ही गृह राज्य उत्तराखंड के बारे में लिखा जाये जिसकी पृष्टभूमि बहुत ही विशाल होने के साथ-साथ यहाँ की संस्कृति और सभ्यता भी बहुत विकसित है। वही ये एक शानदार पर्यटक स्थल होने के अलावा धार्मिक दृस्टि से भी परिपूर्ण है। यहाँ हर साल हजारो की संख्या में मेलो व त्योहारों का आयोजन होता रहता है जिसे देखने व इनमे शामिल होने के लिए देश-विदेश से लाखो-करोडो लोग उत्तराखंड आते है व इन मेलों को देखने के साक्षी बनते है। इस कारण मैंने लिखने की शुरुवात की अपने उत्तराखंड से। अपनी इस वेबसाइट में मैंने उत्तराखंड की संस्कृति एवं सभ्यता, उत्तराखण्ड के प्रमुख पर्यटक स्थल, उत्तराखण्ड के प्रमुख मंदिरो, उत्तराखण्ड के प्रमुख नृत्य व संगीत, उत्तराखण्ड के प्रमुख ट्रेक्किंग स्थलों, उत्तराखण्ड के मुख्य डैम, उत्तराखण्ड की झीलों व ग्लेशियर के अलावा यहाँ की प्रमुख पर्वत चोटियों व अन्य विषयो को पाठको के समक्ष प्रस्तुत किया है। जैसे- जैसे मुझे अन्य कोई जानकारी मिलती जाएगी में उन्हें अपने पाठको के समक्ष प्रस्तुत करता रहूँगा। धन्यवाद पंकज पंत
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