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Kedarkantha Trek
केदारकांठा ट्रैक
केदारकांठा ट्रैक(Kedarkantha Trek) उत्तराखंड के
सबसे प्रमुख व खूबसूरत (Winter Trekking) ट्रैकिंग स्थलों
में से एक है जो उत्तराखंड के जिला उत्तरकाशी(Uttarakashi)
में स्थित है तथा गोविन्द वन्य जीव अभ्यारण्य और राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है। यह एक बेहद खूबसूरत ट्रैकिंग स्थल है जहाँ ट्रैकिंग हेतु दूर–दूर से ट्रैकर्स हर साल
उत्तराखंड पहुंचते है।
केदारकांठा ट्रैक की ऊंचाई 3,800 मीटर अर्थात 12,500 फ़ीट है(Height of Kedarkantha) तथा पूरा ट्रैक लगभग 12 किमी का होता है। इस ट्रैक पर आने व जाने में 6 से 7 दिन तक का समय लग जाता है। ट्रैक पर जाते हुए आपको खूबसूरत बर्फ से ढके पहाड़ो के साथ-साथ गोविन्द वन्य
जीव अभ्यारण्य के बीच से होते हुए जाना होता है जो इस ट्रैक की खूबसूरती को और
अधिक बढ़ा देती है। (हिमाचल के ट्रैक्स के बारे
में जानने के लिए यहाँ पर क्लिक करें) ।
केदारकांठा एक खूबसूरत विंटर ट्रैक(Winter Trek) होने के कारण पर्यटक गर्मियों के मौसम में शहरों की भीड़–भाड़ से दूर शान्ति में रहकर यहाँ के शानदार खुशनुमे मौसम का
अनुभव कर सकते है।
History of Kedarkantha Trek
किवंदितियो के अनुसार पहले इस स्थान पर ही केदारनाथ धाम की स्थापना होनी थी। एक बार की बात है जब
भगवान शिव अपने ध्यान में बैठे हुए थे तभी वहाँ गायों का झुण्ड पहुंच गया व आवाज
करने लगा। गायों की आवाज सुनकर
भगवान शिव का ध्यान भंग होने लगा।
ऐसे ही ध्यान भंग होने के डर से भगवान शिव केदारकांठा चोटी से उठकर केदारनाथ
में जाकर बस गए जिस कारण मंदिर का निर्माण यहाँ पर न होकर केदारनाथ में कराया गया। उस समय तक मंदिर भगवान
शिव के गले तक बन चुका था इसी कारण इस जगह का नाम केदारकांठा पर्वत पड़ा।
केदारकांठा ट्रैक की शुरुवात साँकरी से होती है। साँकरी शहरी जीवन से अलग
एक शान्त व खूबसूरत गांव है जहॉ यात्रा शुरू करने से पहले आप रात्रि विश्राम कर सकते है। यहाँ से आप 12 किमी का
ट्रैक कर केदारकांठा तक पहुँच सकते है।
Things to Carry to go to Kedarkantha
Trek
केदारकांठा ट्रैक पर
जाने से पहले कुछ चीजों को साथ जरूर ले जाना चाहिए जो आपके लिए अति आवश्यक है। वहाँ का मौसम प्रति घंटे के हिसाब से बदलता रहता है
जिस कारण वहाँ ठण्ड भी अधिक रहती है। ठण्ड व बारिश से बचाव हेतु रेन चीटर, फुल स्लीव्स पतली जैकेट्स, मंकी कैप, ट्रैकिंग शूज, गर्म मोज़े, मफलर, तौलिए, धुप से बचाव हेतु अच्छे किस्म के चश्मे, कोल्ड क्रीम, लिप बाम, सनस्क्रीन लोशन, लेड टॉर्च, गर्म पानी की बोतल, ट्रैकिंग पोल, सिरदर्द की दवाइयाँ जैसे क्रोसिन, डिस्प्रिन, कॉटन, बैंड-ऐड, मूव स्प्रे, गौज, क्रेप बैंडेज आदि चीजे है जो आपको ट्रैक पर जाते समय अपने
साथ रखनी चाहिए।
इनकी जरूरत आपको ट्रैक
पर जाते वक्त कभी भी पड़ सकती है। ट्रैक
पर जाने से 2 या 3 दिन पहले आपको अधिक मात्रा में पानी भी पीना चाहिए जिससे आप
Dehydration
से बचे रह सके। (उत्तराखंड
की संस्कृति के बारे में विस्तार से जानने के लिए ये पोस्ट पढ़े)
Itinerary to Kedarkantha Trek
Kedarkantha Trek Route:-
साँकरी – जुड़ा का तालाब – केदारनाथ
बेस कैंप – केदारनाथ पीक
पहला दिन – साँकरी(1930
meter) से जुड़ा का तालाब(2786 meter) (Trek 4km)
दूसरा दिन – जुड़ा का तालाब(9100 feet) से केदारकांठा बेस कैंप(10900 feet) (Trek 4km)
तीसरा दिन – केदारकांठा बेस कैंप(10,900 feet) से केदारकांठा समिट(12500 feet) (Trek 6km)
चौथा दिन – केदारकांठा
समिट(12500 feet) से वापस संकरी (Trek 11km)
How to go Kedarkantha Trek
साँकरी से जुड़ा का तालाब: Sankri to Juda ka Talab: केदारकांठा ट्रैक की शुरुवात साँकरी गांव से
होती है तथा गोविन्द वन्य जीव अभ्यारण्य से होते हुए जाती है। साँकरी सड़क से जुड़ा हुआ अंतिम गांव है जो गोविन्द वन्य
जीव अभ्यारण्य के 13
किमी अन्दर है।
ट्रैकर्स इस गांव में रात्रि विश्राम भी कर सकते है यहाँ से
आप हिमालय की बर्फ से ढकी हुई चोटियों को देख सकते है। पहले दिन आपको यहाँ से आपको जुड़ा का तालाब तक जाना होता है। साँकरी से जुड़ा का तालाब पहुंचने में आपको 3 से 4 घंटे तक का समय लग जाता है।
रास्ते में आपको घने जंगल, मेपल व देवदार के जंगल दिखाई पड़ते है तथा कई छोटे– छोटे
पुलों को पार करना होता है। इस ट्रैक पर किसी भी उम्र के लोग जा सकते है वही
ट्रैक की शुरुवात करने वालो के लिए भी ये एक बेहतरीन ट्रैक है।
जुड़ा का
तालाब से केदारनाथ बेस कैंप: Juda ka Talab to Kedarnath Base Camp: दूसरे दिन आपका ट्रैक जुड़ा का तालाब से शुरू होकर
केदारकांठा बेस कैंप तक जाता है।
केदारकांठा बेस कैंप समुद्र तल से 11,250 फ़ीट की ऊंचाई(Height of
Kedarkantha Base Camp) पर स्थित है तथा इस दिन के ट्रैक की कुल
दूरी लगभग 4 किमी
की होती है।
ट्रैक के दौरान आपको घने
जंगल, देवदार व ओक
के पेड़ दिखाई देते है जो इस ट्रैक को और अधिक मनोरंजक बना देते है। वही ट्रैक के बीच में आपको चरवाहों की कई झोपड़िया भी
दिखाई देती है।
बेस कैंप पहुँचकर आप
बर्फ से ढकी पर्वत चोटियों जैसे स्वर्गरोहणी, काला नाग पर्वत चोटी, बन्दरपूँछ पर्वत को स्पष्ट देख सकते है। वही गंगोत्री और यमुनोत्री पर्वत श्रंखला का अध्भुत
नजारा भी देखा जा सकता है। वहाँ दूर-दूर तक फैले बुग्याल इस ट्रैक की
ख़ूबसूरती को और दुगुना कर देते है तथा रात के समय आसमान में चारो तरफ बिखरे हुए
अनगिनत तारे आपको किसी अलग दुनिया का अनुभव प्रदान करते है।
रात के समय यहाँ का
तापमान माइनस डिग्री से भी नीचे पहुंच जाता है इसलिए आपको गर्म कपडे साथ में रखने
की सलाह दी जाती है।
केदारकांठा बेस कैंप से केदारकांठा पीक: Kedarkantha Base Camp to Kedarkantha Peak: तीसरे दिन आपको केदारकांठा बेस कैंप से केदारकांठा पीक तक जाना होता है जो अन्य दिनों की अपेक्षा थोड़ा कठिन होता है। इस दिन भी आपको घने देवदार और ओक के जंगलो के बीच होकर जाना होता है। आप जितना आगे को जाते है आपको चोटी और दूर जाती हुई दिखाई देती है।
रास्ते में आपको चारो और बर्फ से ढके विशाल पर्वत दिखाई पड़ती है यहाँ आप जून
के महीने में भी बर्फ देख सकते है। केदारकांठा पीक पर पहुँच कर आप वह 360 डिग्री का व्यू देख सकते है। यहाँ से हिमालय की
खूबसूरत पहाड़ियों को देखा जा सकता है।
केदारकांठा पर्वत चोटी पर पहुँचकर आपको एक मंदिर दिखाई देगा जो भगवान शिव और
माता पार्वती को समर्पित है। वही वहाँ एक और अन्य मंदिर बना हुआ है जो भगवान गणेश को समर्पित है। केदारकांठा पर्वत से
सूर्योदय और सूर्यास्त को देखने का भी अलग ही आनंद आता है।
केदारकांठा पर्वत चोटी पर पहुँचकर आपको एक मंदिर दिखाई देगा जो भगवान शिव और
माता पार्वती को समर्पित है। वही वहाँ एक और अन्य मंदिर बना हुआ है जो भगवान गणेश को समर्पित है। केदारकांठा पर्वत से
सूर्योदय और सूर्यास्त को देखने का भी अलग ही आनंद आता है।
How to Reach Sankri from New Delhi
दिल्ली से
साँकरी जाने के तीन रास्ते है जो निम्न है-
दिल्ली-यमुनानगर-विकासनगर-यमुना
पुल-नौगांव-पुरोला-संकरी
दिल्ली-देहरादून-मसूरी-यमुना
पुल-नौगांव-पुरोला-साँकरी
दिल्ली-ऋषिकेश-चम्बा-चिन्यालीसौड़-बड़कोट-पुरोला-साँकरी
Best Time to go Kedarkantha Trek
Kedarkantha Trek Best Time: वैसे तो केदारकांठा ट्रैक पर आप बारिश के महीने को छोड़ कर कभी
भी जा सकते है। फिर भी इस ट्रैक पर जाने का सही समय अक्टूबर से अप्रैल तक का रहता है। इस समय पर यहाँ पर चारो
और बर्फ पड़ी दिखाई देती है।
बारिश के समय पर आपको ट्रैक पर जाने से बचना चाहिए। बारिश के मौसम में यहाँ
अत्यधिक बारिश होती है जिस कारण पूरे ट्रैक पर फिसलन होने के कारण यहाँ तक पहुँचना
मुश्किल हो जाता है। इसके अतिरिक्त आप इस ट्रैक पर कभी भी जा सकते है। (उत्तराखण्ड के अन्य ट्रैक्स के बारे में जानने के लिए
यहाँ पर क्लिक करें)
Temperature to Kedarkantha Peak
केदारकांठा पीक का तापमान सर्दियों के समय पर बहुत ठंडा होता है। खास तौर पर दिसंबर, जनवरी व फरवरी को रात के समय यहाँ का तापमान 0 डिग्री से भी नीचे चला जाता है वही दिन के समय पर धूप निकलने के कारण यहाँ
मौसम सामान्य रहता है।
रात के समय यहाँ का तापमान –5 डिग्री से 3 डिग्री तक रहता है वही दिन के समय पर तापमान 8 डिग्री तक रहता है। अन्य महीनो में भी यहाँ पर ठण्ड बनी रहती है परन्तु दिन के समय पर मौसम
सामान्य रहता है। सर्दियो में यहाँ पर जम के बर्फवारी होती है जिस कारण यहाँ चारो और बर्फ की
चादर जैसी ढक जाती है।
Map of Kedarkantha
हैलो, दोस्तों मैं पंकज पंत एक ब्लॉगर। दोस्तों लिखने, पड़ने व म्यूजिक (खासतौर से मैगज़ीन जैसे इंडिया टुडे व क्रिकेट सम्राट वगैरह) का शौक पहले से ही था तो सोचा क्यों न कुछ लिखा जाये और लिखा भी वो जाये जिसे पढ़कर पाठको को आनन्द भी आये व उसे पढ़कर उनके ज्ञान में भी कुछ वृद्धि हो सके। परन्तु लिखने के लिए एक लेखन सामग्री की आवश्यकता होती है तो सोचा किस विषय पर लिखा जाये। सोचते हुए दिमाग में आया की क्यों न अपने ही गृह राज्य उत्तराखंड के बारे में लिखा जाये जिसकी पृष्टभूमि बहुत ही विशाल होने के साथ-साथ यहाँ की संस्कृति और सभ्यता भी बहुत विकसित है। वही ये एक शानदार पर्यटक स्थल होने के अलावा धार्मिक दृस्टि से भी परिपूर्ण है। यहाँ हर साल हजारो की संख्या में मेलो व त्योहारों का आयोजन होता रहता है जिसे देखने व इनमे शामिल होने के लिए देश-विदेश से लाखो-करोडो लोग उत्तराखंड आते है व इन मेलों को देखने के साक्षी बनते है। इस कारण मैंने लिखने की शुरुवात की अपने उत्तराखंड से। अपनी इस वेबसाइट में मैंने उत्तराखंड की संस्कृति एवं सभ्यता, उत्तराखण्ड के प्रमुख पर्यटक स्थल, उत्तराखण्ड के प्रमुख मंदिरो, उत्तराखण्ड के प्रमुख नृत्य व संगीत, उत्तराखण्ड के प्रमुख ट्रेक्किंग स्थलों, उत्तराखण्ड के मुख्य डैम, उत्तराखण्ड की झीलों व ग्लेशियर के अलावा यहाँ की प्रमुख पर्वत चोटियों व अन्य विषयो को पाठको के समक्ष प्रस्तुत किया है। जैसे- जैसे मुझे अन्य कोई जानकारी मिलती जाएगी में उन्हें अपने पाठको के समक्ष प्रस्तुत करता रहूँगा। धन्यवाद पंकज पंत
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