Famous tourist places in Mussoorie
मंसूरी के प्रमुख पर्यटक स्थल
Famous
Tourist Places in Mussoorie: मसूरी एक खूबसूरत
पर्यटक स्थल है आप यहाँ की यात्रा के दौरान यहाँ पास में स्थित पर्यटक स्थलों की
सैर पर भी जा सकते है। यहाँ के प्रमुख पर्यटक स्थलों में लाल टिब्बा, मॉल रोड, कैम्पटी फॉल्स, गन हिल, क्राइस्ट चर्च, सुरकुण्डा देवी मन्दिर तथा सहस्त्रधारा आदि पड़ते है जिन्हे
आप यहाँ की यात्रा के दौरान जा सकते है।

लाल टिब्बा: Lal Tibba: लाल टिब्बा मसूरी से
लगभग 6
किमी की दूरी पर स्थित है तथा देहरादून की सबसे ऊंची पर्वत चोटी पर स्थित है। लाल
टिब्बा की ऊंचाई समुद्र तल से 2275 मीटर है।
यहाँ पर कई सालो तक
ब्रिटिश रहा करते थे इस कारण यहाँ अभी भी अंग्रेजो द्धारा किये गए कार्यो को देखने
को मिल जायेगा। लाल टिब्बा का अर्थ लाल पहाड़ी से होता है।

कैम्पटी फॉल: Kempty Fall: कैम्पटी फॉल मसूरी में
देखने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है जो मसूरी से 15 किमी की दूरी पर बसा हुआ है।
यह समुद्र तल से लगभग 1,364 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
यहाँ पर ऊंची पहाड़ी से
गिरता झरना देख पर्यटकों का मन खुश हो जाता है वही यहाँ चारो ओर फैली हरियाली
पर्यटकों का मन मोह लेती है।

गन हिल:Gun Hill: गन हिल मसूरी की दूसरी
सबसे ऊंची चोटी है। यह समुद्र तल से 2,024 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। गन हिल के बारे में एक
इतिहास चौका देने वाला ये है की इस पहाड़ी से अंग्रेज रोज दोपहर एक नाव में आग लगा
दिया करते थे जिससे लोगो को समय का पता लग सके।
इस जगह पर छोटी–छोटी खेलो की दुकाने
है जहाँ पर लोग आकर मनोरंजन कर सकते है। वही यहाँ पर कई सारी फ़ास्ट फूड्स की
दुकाने भी है अगर आप यहाँ जाये तो इन स्ट्रीट फूड्स का आनंद ले सकते है।

क्राइस्ट चर्च: Christ Church: क्राइस्ट चर्च भारत में मौजूद सबसे पुराने चर्चो
में से एक है जिसकी खूबसूरती आज भी वैसी ही है जैसी कई साल पहले थी।
यहाँ सीसे की बनी हुई खिड़किया, पत्थरो की डिजाईन, दीवारों पर बनी बनावट तथा यीशु के जीवन पर बनाई
गई कलाकृतियाँ पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती है। इस चर्च का निर्माण अंग्रेजो के
कार्यकाल के दौरान 1836 में करवाया गया था।

कम्पनी गार्डन: Company Garden: कम्पनी गार्डन मसूरी का एक और प्रमुख पर्यटक स्थल है जिसकी
स्थापना का श्रेय डॉ एच० फक्नर को जाता है जिन्होंने कंपनी गार्डन की नीव रखी। यह खूबसूरत
गार्डन हरियाली,
बाग़-बगीचों तथा तरह – तरह के फूलो से घिरा हुआ है जहाँ पर पर्यटक पूरे दिन अपने परिवार के साथ पिकनिक
हेतु आते है।
मुख्यतः यहाँ लगे बगीचे व फूल ही यहाँ का मुख्य
आकर्षण भी है यहाँ पर एक नर्सरी भी स्थापित है जहाँ से आप अपने घर के लिए फूल इत्यादि
भी खरीद कर ले जा सकते है।
इस गार्डन में 800 से भी अधिक क़िस्म के फूल लगे
हुए है। वही इसकी अन्दर एक कृत्रिम झरने का निर्माण भी किया गया है जहाँ पर आप
नौका विहार का भी आनंद ले सकते है। वही यहाँ खाने व पीने की वस्तुओं के लिए अलग से
फ़ूड कोर्ट तथा बच्चो के खेलने हेतु भी कई सारी मनोरंजन से भरी चीजे है जिस पर
बच्चे सवारी का आनंद ले सकते है।

सुरकुण्डा देवी मंदिर: Surkunda Devi Temple: सुरकुण्डा देवी मंदिर यहाँ के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है वही ये जगह यहाँ के आसपास की सबसे ऊंची चोटियों में से भी एक है। यह मन्दिर समुद्र तल से लगभग 10,000 फ़ीट की उचाई पर स्थित है। इतनी उचाई पर स्थित होने के कारण यहाँ से आस–पास के क्षेत्र का सम्पूर्ण नजारा देखा जा सकता है जो पर्यटको को मंत्र्मुघ्द कर देता है।
मंदिर में रोपवे द्धारा जाया जा सकता है। इस मंदिर में भगवान शिव की स्तुति की जाती है। वही इस मंदिर में प्रति वर्ष मई-जून के दौरान गंगा दशहरा के दिन एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता है जिसमे सम्मिलित होने श्रद्धालु दूर-दूर से यहाँ पर आते है।

झरीपानी फॉल्स: Jhari Pani Falls: झरीपानी फाल्स भी
मसूरी के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। यह स्थल मसूरी से 8 किमी की दूरी पर स्थित
है।
यहाँ तक पहुंचने के लिए आपको थोड़ा पैदल भी जाना पड़ता
है जो लगभग 1.5
किमी होता है। यहाँ पहुंचकर आप रास्ते की सारी थकान भूल जायेंगे। पिकनिक पर
जाने वालो व प्रकर्ति प्रेमियों के लिए ये जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यह फॉल
झरी पानी नाम के गांव में स्थित है।
Tourist places near Mussoorie
मसूरी के निकट घूमने हेतु अन्य पर्यटक स्थल


Dehradun: देहरादून: मसूरी से लगभग 35 किमी की दूरी पर देहरादून स्थित है जो की उत्तराखंड राज्य की राजधानी भी है। देहरादून अपने यहाँ के शानदार वातावरण व चारो तरफ से पहाड़ो से घिरा होने व यहाँ के शिक्षण संस्थानों के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है।
यहाँ कई प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान है जहाँ शिक्षण हेतु पूरे विश्व से विद्यार्थी आते है। वही यहाँ की भौगोलिक स्थिति भी बेहद खास होने के कारण देहरादून को अन्य राज्यों से अलग बनाती है। देहरादून का इतिहास लगभग 18 वी शताब्दी का है जब प्रसिद्ध सिख गुरु राम राय द्वारा देहरादून की स्थापना की गई थी।
देहरादून शब्द का उल्लेख स्कंद पुराण में भी किया गया है जिसमे देहरादून का उल्लेख केदारखंड के एक भूभाग के रूप में किया गया है। कुछ महाकाव्यों में देहरादून का सीधा सम्बन्ध महाभारत काल से किया गया है इसे गुरु द्रोणाचार्य की नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
देहरादून शब्द दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है जिसमे देहरा का अर्थ डेरा अथवा घर या रहने के स्थल से है तथा दून एक घाटी को कहा जाता है जो शिवालिक और हिमालय के मध्य स्थित होती है। देहरादून में घूमने हेतु भी
पर्यटकों के लिए काफी कुछ है जिसमे बुद्धा मंदिर, एफ0 आर0 आई, सहस्त्रधारा, राजाजी नेशनल पार्क, टपकेश्वर महादेव
मंदिर व अन्य कई मौजूद है जिनमे पर्यटक देहरादून भ्रमण के दौरान जा सकते है।
देहरादून अपने यहाँ मौजूद शिक्षण संस्थानों के लिए भी पूरे विश्व में प्रसिद्ध है जिसमे जिसमे दून स्कूल(Doon School), वेल्हम गर्ल्स स्कूल(Welhom Girls School), कसिगा इंटरनेशनल स्कूल(Kasiga International School), सैंट जॉसेफ स्कूल(St. Joseph School), वाडिया इंस्टिट्यूट (Wadiya Institute), सर्वे ऑफ़ इंडिया (Survey of India) आदि शामिल है जिसमे से कई अंग्रेजो के समय के दौरान के माने जाते है।


Rishikesh: ऋषिकेश: ऋषिकेश शहर हिमालय की तलहटी में स्थित है तथा उत्तराखंड में स्थित चारो धाम बद्रीनाथ,
केदारनाथ, यमनोत्री व गंगोत्री धाम का प्रवेश द्वार भी है। ऋषिकेश को योग नगरी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता के अनुसार यही वो शहर है जहाँ पर योग का जन्म हुआ था।
ऋषिकेश शहर गंगा तट पर स्थित है जो तीन तरफ से पहाड़ो से घिरा हुआ है। ऋषिकेश शहर पुरातन काल से ही ऋषियों व मुनियो की भूमि मानी जाती है जहाँ पर ऋषियों व मुनियो द्वारा सालो तक जप व तप किया गया था।ऋषिकेश की ऊंचाई समुद्र तल से 1,360 फ़ीट है। जो एक शांत धार्मिक स्थल है जहाँ पूरी दुनिया से श्रद्धालु शांति की तलाश में आते है।
यहाँ कई ऐसे मन्दिर व आश्रम स्थित है जहाँ कई विदेशी लोग निवासरत है व कई विदेशी भी नियमित रूप से यहाँ के मंदिरो में ध्यान लगाने व आद्यात्मिक सुख पाने हेतु आते है।
धार्मिक कथाओ के अनुसार ऋषिकेश ही वो स्थल है जहाँ पर भगवान शिव द्वारा समुद्र मंथन के दौरान निकले हुए विष को पिया था। विष पीने के कारण उनका गला नीला पड़ गया था जिस कारण भगवान शिव को नीलकंठ के नाम से भी जाना जाता है। ऋषिकेश में भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर नीलकंठ महादेव के नाम से स्थित है जहाँ सावन के महीने में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होता है।
रोमांच के शौक़ीन लोगो के लिए भी ऋषिकेश किसी स्वर्ग से कम नहीं है। रोमांचक खेलो जैसे राफ्टिंग(Rafting), क्याकिंग(Kayaking), कैनोइंग(Kanoying), रैपलिंग(Rippling) तथा बॉडी सर्फिंग(Body Surfing) जैसे साहसिक खेलो के शौक़ीन लोग हर साल लाखो की संख्या में ऋषिकेश आते है व इन खेलो का लुत्फ़ उठाते है।
इन सब के अतिरिक्त ऋषिकेश में कई ऐसे
स्थल है जहाँ पर्यटक ऋषिकेश यात्रा के दौरान जा सकते है इन्ही पर्यटक में से रामझूला(Ramjhula), लक्ष्मणझूला(Laxman Jhula), नीलकंठ महादेव
मंदिर(Neelkanth
Mahadev Temple),
त्रिवेणी घाट(Triveni Ghat), परमार्थ निकेतन
मंदिर(Parmarth
Niketan Temple),
गीता भवन(Geeta Bhavan), वशिष्ठ गुफा(Vashisth Cave) आदि प्रमुख स्थल है जहाँ पर्यटक
ऋषिकेश यात्रा के दौरान घूमने जा सकते है।


Hardwar: हरिद्वार: हरिद्वार उत्तराखंड राज्य में स्थित एक प्रमुख तीर्थ स्थल व पवित्र नगर है जो गंगा नदी के तट पर बसा हुआ है। हरिद्वार हिंदुवो के सात पवित्र स्थलों में से भी एक है।हरिद्वार को भगवान हरी का द्वार अर्थात भगवान के पास जाने का प्रवेश द्वार माना जाता है। यही पर गोमुख से निकलने वाली पवित्र गंगा नदी मैदानी क्षेत्रों में प्रवेश करती है।
हरिद्वार का उल्लेख पुराणों में भी किया गया है। मान्यता के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान निकले कलश से कुछ बूंदे गिर गई थी जो हरिद्वार में भी आकर गिरी थी तब से ही इस पवित्र स्थान पर कुम्भ के मेले का आयोजन किया जाता है जो प्रति 12 वर्ष के अंतराल पर होता है। कलश से अन्य बूंदे उज्जैन, नासिक तथा इलाहाबाद में आकर गिरी थी जहाँ पर भी कुम्भ के मेले का आयोजन किया जाता है।
हरिद्वार का प्रमुख स्थान हर – की – पौड़ी (Har Ki Pauri) है जहाँ प्रतिदिन गंगा आरती का आयोजन किया जाता है जिसे देखने के लिए देश – विदेश से श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचते है। इसी जगह पर माता गंगा का प्राचीन मंदिर भी स्थित है जिसके दर्शन मात्र से ही पुण्य की प्राप्ति होती है।
हरिद्वार में कई मंदिर और धर्मशाला स्थित है जिनके दर्शन हेतु भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार आते है व इन मंदिरो के दर्शन कर पुण्य के भागीदार बनते है।
हरिद्वार को मायापुरी के नाम से भी जाना जाता है जो भगवान शिव व भगवान हरी की भूमि मानी जाती है। उत्तराखंड के चारो धाम बद्रीनाथ(Badrinath), केदारनाथ(Kedarnath), यमनोत्री(Yamunotri) तथा गंगोत्री(Gangotri) जाने का मार्ग भी हरिद्वार से ही होकर जाता है।

हरिद्वार में अन्य कई पर्यटक व धार्मिक स्थल है जहाँ पर्यटक हरिद्वार यात्रा के दौरान जा सकते है। इन पर्यटक व धार्मिक स्थलों में मनसा देवी मंदिर, चंडी देवी मन्दिर, भूमि निकेतन मंदिर, दक्ष मंदिर, बाबा रामदेव का पतंजलि योगपीठ, शांतिकुंज, सप्तऋषि आश्रम, शांति पूरी आश्रम, भोलागिरी आश्रम के अतिरिक्त भी हजारो की संख्या में मदिर व आश्रम है जहाँ पर्यटक हरिद्वार भर्मण के दौरान घूमने जा सकते है।

Dhanaulti: धनौल्टी: धनौल्टी उत्तराखंड का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है जो मसूरी से लगभग 60 किमी की दूरी पर स्थित है। धनौल्टी अपने यहाँ के शानदार मौसम व शांत माहौल के कारण पूरे भारत में प्रसिद्ध है। यहाँ हर साल गर्मियों के समय दूर-दूर से पर्यटक पहुंचते है व यहाँ होने वाली बर्फवारी का आनंद लेते है।
धनौल्टी के सबसे मुख्य आकर्षण यहाँ का
इको पार्क है जो बहुत बड़े क्षेत्रफल में मौजूद है। यह धनौल्टी टूरिज्म का भी मुख्य आकर्षण है यहाँ आपको कई प्रकार की वनस्पतियाँ
देखने को मिल जाएगी। इस पार्क के चारो
और का क्षेत्र आपको आनंदित कर देता है। यहाँ आपको प्रचुर
मात्रा में देवदार के पेड़ देखने को मिल जायेंगे। पार्क के अन्दर जाने के लिए आपको कुछ शुल्क देना पड़ता है वही इसके बाहर
पार्किंग की भी समुचित व्यवस्था है।
यहाँ के अन्य पर्यटक स्थलों में जोरांडा
तथा बरेहीपानी जलप्रपात है जिसे देखने भी बड़ी संख्या में पर्यटक यहाँ पहुँचते है। यह जलप्रपात प्राकर्तिक है जो सैलानियों के बीच काफी प्रसिद्ध है। यहाँ से आसपास का बेहतरीन नजारा देखा जाया जा सकता है।

यहाँ स्थित सुरकुण्डा देवी का मंदिर भी
काफी मनोहारी है जो भारत में स्थित माता के 51
शक्तिपीठो में से एक माना जाता है। यह मंदिर धनौल्टी से 7 किमी की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर की
बनावट शानदार है वही ये मंदिर लोगो की आस्था का केंद्र भी है। इस मंदिर में हर साल एक विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है जिसमे बड़ी संख्या
में श्रद्धालु भाग लेने हेतु आते है।
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