पराशर लेक ट्रैक
Prashar Lake Trek
हिमाचल अपनी खूबसूरत पर्यटक स्थलों, बर्फ से ढके विशाल पर्वतो तथा चारो तरफ फैली हरियाली के साथ-साथ अपने यहाँ स्थित झीलों के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है। यहाँ कई ऐसी झीले है जो पर्यटको का मन मोह लेती है। इन्ही झीलों में से एक और प्रसिद्ध झील है पराशर झील।
ये झील चारो और से खूबसूरत धौलाधार पर्वत श्रंखला से ढकी हुई है जो मंडी जिले से लगभग 50 किमी की दूरी पर स्थित है। पराशर झील की ऊंचाई समुद्र तल से 2730 मीटर है। वही इस झील की खूबसूरती इस झील के बीच में तैरता हुआ टापू है जो इस झील की खूबसूरती को और अधिक बढ़ा देती है। जिसे वहाँ के लोग स्थानीय भाषा में टाहला कहते है। ये झील इतनी गहरी है जिसका अनुमान आज तक कोई नहीं लगा पाया है। यह झील अधिकांश समय बर्फ के कारण जमी हुई रहती है वही इसका पानी भी सफ़ेद क्रिस्टल की तरह एकदम साफ़ व नीला नजर आता है।
यह स्थल ऋषि पराशर की तपोस्थली भी कहा जाता है इस कारण इस झील का नाम पराशर झील पड़ा।ऋषि पराशर मनुशक्ति के पुत्र थे तथा ऋषि वशिस्ठ के पोते है। हर साल यहाँ पर आषाढ़ मास की संक्रांति व भादो के कृष्ण पक्ष की पंचमी को विशाल मेलो का आयोजन किया जाता है जहाँ दूर–दूर से श्रद्धालुओं की अपार भीड़ एकत्र होती है। इन मेलो का आयोजन पराशर ऋषि के जन्मोत्सव के अवसर पर किया जाता है।

इस झील के पास ही सालो पुराना एक तिमंजिला मंदिर भी बना हुआ है जो पैगोडा शैली में बना हुआ है।इस मन्दिर का मंडी रियासत के राजा बाडसेन द्धारा 14 वी शताब्दी में कराया गया था। यह मंदिर लकड़ी व पत्थरो से बना हुआ एक बेहद खूबसूरत मंदिर है वही इस मंदिर की नक्काशी भी अभूतपूर्व है।
मंदिर के बाहर पेड़-पोधो, पशु-पक्षियों, साँप आदि के सुन्दर चित्र बने हुए है जो यहाँ की खूबसूरती को और अधिक बढ़ा देते है। मंदिर के बाहर लम्बी लम्बी घास की पत्तिया लगी हुई है जिन्हे श्रद्धालु तोड़कर मंदिर में चढ़ाते है। इन्ही पत्तिया उन्हें प्रसाद के रूप में वहाँ के पंडित द्धारा दी जाती है।
यह एक प्राकर्तिक झील होने के साथ साथ एक खूबसूरत पिकनिक स्थल भी है आप झील तक वाहन या पैदल ट्रैक करके पहुंच सकते है। वाहन इस झील से कुछ दूरी तक आ सकते है। यहाँ से झील तक आपको पैदल ही आना होता है। मंडी से यहाँ तक वाहन द्धारा आने में 2 घंटे से अधिक समय लग जाता है।
पैदल आने वालो के लिए भी ये ट्रैक ज्यादा कठिन नहीं है। किसी भी उम्र के व्यक्ति यहाँ तक आसानी से पहुंच सकते है बस व्यक्ति के शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत होने की आवश्यकता होती है। इसी जगह पर फ़िल्मकार विधु विनोद चोपड़ा द्धारा अपनी फिल्म करीब की शूटिंग की गई थी। इस स्थान पर पर्यटकों के लिए गेस्ट हाउस भी बना हुआ है वही झील के आसपास के क्षेत्र में चारो और बड़ा सा घास का मैदान है। यहाँ पर ट्रैकर्स टेंट लगाकर रात्रि विश्राम कर सकते है। यहाँ से नीचे की तरफ बहती हुई तेज ब्यास नदी को भी देखा जा सकता है जो यहाँ की खूबसूरती में चार चाँद लगा देती है।
यह पूरा ट्रैक लगभग 2 दिन का होता है वही ट्रैक की कुल दूरी लगभग 16 किमी होती है। वही इस ट्रैक पर जाते हुए आप धौलाधार पर्वत के साथ ही पीर पंजाल और किन्नौर के पर्वतो को भी देख सकते है।

Things to Carry
साथ ले जाने वाली वस्तुएँ
पराशर झील ट्रैक पर जाते समय आपको स्वयं सावधानी बरतने के साथ रोजाना के प्रयोग होने वाली जरूरत की चीजों को भी अपने साथ ले जाना आवश्यक होता है। साथ ही आपको छोटी मोटी शारीरिक परेशानियों के लिए सर दर्द, पैट ख़राब व अन्य रोगो के उपचार हेतु फर्स्ट ऐड की चीजे व दवाइयां भी जरूर ले जानी चाहिए ताकि आवश्यकता अनुसार जरूरत के समय ये प्रयोग में लाई जा सके।
वहाँ का मौसम प्रति घंटे के हिसाब से बदलता रहता है जिस कारण वहाँ ठण्ड भी अधिक रहती है। इस कारण आपको ठण्ड व बारिश से बचाव हेतु रैनकोट, फुल स्लीव्स पतली जैकेट्स, मंकी कैप, ट्रैकिंग शूज, गर्म मोज़े, मफलर, तौलिए, धुप से बचाव हेतु अच्छे किस्म के चश्मे, कोल्ड क्रीम, लिप बाम, सनस्क्रीन लोशन, एल०ई०डी टॉर्च, गर्म पानी की बोतल, ट्रैकिंग पोल, सिरदर्द की दवाइयाँ जैसे क्रोसिन, डिस्प्रिन, कॉटन, बैंड-ऐड, मूव स्प्रे, गौज, क्रैप बैंडेज आदि चीजे है जो आपको ट्रैक पर जाते समय अपने साथ रखनी चाहिए। इनकी जरूरत आपको ट्रैक पर जाते वक्त कभी भी पड़ सकती है।
यात्रा कार्यक्रम
Itineraryप्रथम दिन: मंडी से बग्गी गांव से पराशर झील।
दूसरा दिन: पराशर झील-बग्गी गांव से मंडी।

पराशर लेक ट्रैक कैसे जाये
How to go Prashar Lake Trek
प्रथम दिन: आपको ट्रैक शुरू करने हेतु सबसे पहले हिमांचल के जिला मंडी पहुंचना होता है। यहाँ से आप प्राइवेट टैक्सी या सरकारी बस सेवा द्धारा बग्गी गांव तक आना होना है जो इस पूरे ट्रैक का शुरुवाती बिन्दु है।
बग्गी गांव से आपका ट्रैक शुरू होता है यहाँ से आप घने जंगलो, हिमालयी पर्वतो, घास के मैदानों से होते हुए जाना होता है वही आप हिमाचली जीवन को भी करीब से देख सकते है। लगभग 4 किमी की चढाई करने पर आपको एक घास का मैदान दिखाई पड़ेगा जहाँ पर आप कुछ देर आराम कर सकते है।
सर्दियों के समय पर ये पूरा मार्ग बर्फ से ढक जाता है और पूरे मार्ग में काफी फिसलन रहती है इस कारण आपको सर्दियों के समय पर संभल के चलने की सलाह दी जाती है। गर्मियों के समय पर मौसम साफ़ रहने के कारण आपको ट्रैक पर जाने में कोई परेशानी नहीं होती। आपको अपने साथ पानी की बोतल अवस्य रखनी चाहिए।
ऊपर पराशर लेक पर पहुंचकर आपको एक सुन्दर झील के साथ एक तिमंजिला मंदिर दिखाई पड़ेगा। वही यहाँ पर कुछ खाने-पीने की दुकाने भी मिल जाएँगी। यहाँ पर आप कॉफ़ी, चाय, परांठा और दाल-चावल का आनंद ले सकते है और रात को लेक से कुछ दूरी पर अपने टेंट लगाकर तारो के बीच रात गुजार सकते है।झील के पास टेन्ट लगाने पर पाबन्दी लगी हुई है। यह रात आपके जीवन का कभी न भूलने वाला अनुभव होगा।
दूसरा दिन: अगले दिन प्रातः उठकर सूर्य की रोशनी में जगमग पहाड़ो की सुंदरता देख सकते है। सूर्य की पहली किरण जब इन पहाड़ो पर पड़ी है तब ये पहाड़ सोने की भांति चमकने लगते है। ये यहाँ का मुख्य आकर्सण होता है। सुबह नाश्ते के बाद आप यहाँ से वापसी के लिए आ सकते है।
अगर आप कुछ और मनोरंजन तलाश में है तो झील से कुछ दूरी पर स्थित देवनाल मंदिर, त्रिलोनकंठ मंदिर व ट्रोकाडा माता मन्दिर, आर्य समाज मंदिर व पंचवक्त्र मन्दिर भी दर्शन के लिए जा सकते है अन्यथा आप ट्रैक द्धारा वापस आ सकते है।
नीचे की और आने पर आपको धीरे-धीरे उतरने सलाह दी जाती है अन्यथा आपके घुटनो के जाम होने की समस्या आ सकती है। वही उतरते समय आपको अपने साथ पर्याप्त मात्रा में पानी अवश्य रखना चाहिए।आप यहाँ से बस या टैक्सी द्धारा भी पराशर झील से मंडी तक आ सकते है। यहाँ आकर आपके जीवन का कभी न भुलाये जाने वाले ट्रैक का समापन हो जाता है। यहाँ से आप अपने–अपने गंतव्य के लिए वापस जा सकते है।

पराशर लेक ट्रैक कैसे जाये
How to go Prashar Lake Trek
By Air: हवाई मार्ग द्धारा: पराशर झील ट्रैक पर जाने के लिए सबसे पास स्थित हवाई अड्डा भुन्तर में है जो की पराशर झील से लगभग 60 किमी की दूरी पर स्थित है। नई दिल्ली से यहाँ तक के लिए आपको फ्लाइट की सुविधा आसानी से उपलब्ध हो जाएगी। नई दिल्ली से मंडी ताल की दूरी लगभग 430 किमी होती है और यदि दिल्ली के अतिरिक्त आप कही और से पराशर झील ट्रैक पर आना चाह रहे है तो आपको चंडीगढ़ तक ही विमान सेवा उपलब्ध हो पायेगी चंडीगढ़ अथवा भुन्तर से आप सरकारी बस या प्राइवेट टैक्सी बुक कर बग्गी गांव तक पहुंच सकते है।
बग्गी गांव इस ट्रैक का सबसे पहला पॉइंट हैA यहाँ से आप ट्रैक द्वारा पराशर झील तक पहुंच सकते है।आप वाहन द्धारा भी पराशर झील तक जा सकते हैA वाहन झील से कुछ दूरी तक आते है आप वहाँ से भी ट्रैक द्धारा झील तक पहुंच सकते है।
By Bus: सड़क मार्ग द्धारा: पराशर झील ट्रैक पर जाने के लिए सबसे पास स्थित बस स्टेशन मंडी हैA दिल्ली से मनाली जाने वाली हर बस मंडी में आकर रूकती है मंडी से आप प्राइवेट टैक्सी या सरकारी बस सेवा द्धारा बग्गी गांव तक पहुंच सकते है। यहाँ से सरकारी बसे और टैक्सी पराशर झील के कुछ पास तक भी जाती है।
आप चाहे तो पराशर झील तक टैक्सी बुक कराकर भी जा सकते है और यदि आप ट्रैक के शौक़ीन है तो आपको बग्गी गांव से ट्रैक करते हुए पराशर झील तक पहुंच सकते है। बग्गी गांव से झील की दूरी लगभग 20 किमी के आसपास होती है। गर्मियों के समय पर यहाँ जाना सर्दियों की अपेक्षा आसान होता है।

पराशर लेक ट्रैक पर कब जाये
When to go Parashar Lake Trek
पराशर लेक ट्रैक पर जाने के लिए सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितम्बर से लेकर नवम्बर तक का होता है। उसके बीच सावन का मौसम होने के कारण ट्रैक पर फिसलन रहती है जिस कारण ट्रैकर्स को जाने में काफी परेशानियों व फिसलन के कारण गिरने का डर बना रहता है। वही दिसम्बर से फ़रबरी तक यहाँ जम के बर्फवारी होने के कारण यहाँ चारो और बर्फ ही बर्फ दिखाई पड़ती है जिस कारण ट्रैकर्स का यहाँ आना मुश्किल हो जाता है। सही मौसम पर यहाँ आकर आप यहाँ पर प्रकर्ति का भरपूर आनंद ले सकते है।