Char Dham Yatra
उत्तराखण्ड के चार धाम
Know About Char Dham Yatra- उत्तराखण्ड को देवो की भूमि अर्थात देवभूमि (Devbhoomi) कहा गया है। यहॉ की भूमि में अनेको देवी, देवताओ तथा ऋषि-मुनियो द्धारा हजारो सालो तक तप किया व अपने तप व चरणों की धूल से इस भूमि को पावन एवं पवित्र किया गया है। यहॉ हजारो ऐसे मन्दिर व तीर्थ स्थल आज भी ऐसे है जहॉ आज भी साक्षात भगवान विराजमान है।
उत्तराखण्ड की पवित्र भूमि मे ही भगवान शिव व मां पार्वती का विवाह हुआ था जो आज भी त्रिजुगीनारायण मन्दिर के नाम से जाना जाता है जो कि उत्तराखण्ड के जिला रूद्रप्रयाग में स्थित है। इनके अलावा भी कई ऐसे मन्दिर है जहॉ प्रभु के साक्षात दर्शन पाये जाते है।
वैसे तो यहाँ हजारो की संख्या में मंदिरो का निर्माण हुआ है जिनमे से त्रिजुगीनारायण, मां नयना देवी मन्दिर, हरकी पौडी, मदमहेश्वर, जागेश्वर धाम, बागनाथ धाम, बैजनाथ मन्दिर, टपकेश्वर मन्दिर, बिन्सर महादेव, हाट कालीका माँ व ऐसे ही हजारो और अन्य प्राचीन व सिद्ध मंदिर है।
परन्तु यहाँ स्थित चार धाम(Char dham) बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमनोत्री व गंगोत्री मंदिर इन सब में से अपना विशेष स्थान रखते है। इन मंदिरो की गिनती उत्तराखण्ड के साथ-साथ भारतवर्ष के भी प्रमुख मंदिरो में की जाती है। इन मंदिरो के मुख्य पुजारी मुख्यतः दक्षिण भारत के राज्यों से होते है जो इन मंदिरो के कपाट खुलने से कई दिन पहले ही उत्तराखंड पहुंच जाते है। इन मन्दिरो के दर्शन करने हेतु लाखो श्रद्धालु भारत के अलावा विदेशों से भी प्रतिवर्ष उत्तराखण्ड आते है जिनकी सुरक्षा हेतु पुलिस व उत्तराखण्ड सरकार द्धारा भी विशेष इन्तजाम किये जाते है।
समय के साथ-साथ उत्तराखंड सरकार व भारत सरकार द्धारा यहाँ जाने के लिए अच्छी सडको व हेलीकॉप्टर(Char
Dham Yatra by Helicopter) से जाने का भी इंतजाम किया जा चुका है। जिस कारण अब यात्री आसानी से वायु मार्ग व सड़क मार्ग द्धारा इन मंदिरो की यात्रा कर पाते है।
चार धाम का महत्व: (Importance of Char Dham Yatra) सनातन काल से ही इन चार धामों बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमनोत्री व गंगोत्री का विशेष महत्व माना गया है। पहले के समय जब यहाँ तक जाने के लिए पर्याप्त सडको का निर्माण नहीं हुआ था तब लोग कई हजार किमीo का सफर तय करके इन मंदिरो के दर्शन हेतु जाते थे व इनके दर्शन मात्र से ही अपने आप को धन्य मानते थे। उत्तराखंड के इन चार धामों की यात्रा केवल गर्मियों के महीने में अर्थात जून से नवम्बर तक होती है। उसके बाद यहाँ पर अत्यधिक बर्फ गिरने के कारण आम मनुष्यो के लिए यहाँ तक पहुँचना नामुमकिन हो जाता है। उस समय वहाँ केवल भारतीय सैनिक व कुछ सिद्ध महात्मा ही अपनी सिद्धि के कारण रह पाते है।
इन चार धामों(Char Dham) के बारे में मान्यता है की जो इन चारो धामों के दर्शन कर लेता है वो जीवन व मृत्यु के चक्र से छूट जाता है तथा मोक्ष को प्राप्त कर लेता है। इन चारो धामों में से बद्रीनाथ धाम भगवान बद्री अर्थात भगवान विष्णु को समर्पित है। इसके अतिरिक्त केदारनाथ धाम भगवान शिव, गंगोत्री धाम माता गंगा को समर्पित है जहॉ से पवित्र गंगा नदी का भी उद्गम होता है तथा यमुनोत्री धाम से यमुना नदी का उद्गम स्थल माना जाता है।
समय के साथ-साथ उत्तराखंड सरकार द्धारा यहाँ जाने के लिए अच्छी सडको व हेलीकॉप्टर(Char Dham Yatra by Helicopter) से जाने का भी इंतजाम किया जा चुका है जिस कारण अब यात्री आसानी से वायु मार्ग व सड़क मार्ग
द्धारा इन मंदिरो की यात्रा आसानी से कर पाते है।
उत्तराखण्ड के चार धाम(Char Dham) निम्न है–
1- बद्रीनाथ
2- केदारनाथ
3- गंगोत्री
4- यमुनोत्री
उत्तराखंड के इन चार धामों के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहाँ पर क्लिक करे-
13 comments
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