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How to reach Chopta
चोपता सड़क मार्ग से आसानी से जुड़ा हुआ है। यहाँ से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है तथा सबसे नजदीकी वायु
मार्ग देहरादून स्थित जॉलीग्रांट है। जॉलीग्रांट से यात्री यहाँ तक के लिए टैक्सी से भी आ सकते है। यहाँ के लिए ऋषिकेश,
पौड़ी, हरिद्धार, देहरादून तथा नई दिल्ली से आसानी से बस की सुविधा उपलब्ध हो जाती है।
How to reach Chopta by
Bus: चोपता सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है जहाँ के लिए
आपको किसी भी बड़े शहर से बस सेवा आसानी से उपलब्ध हो जाएगी। आप चाहे तो अपने वाहन से भी चोपता तक पहुंच सकते है। चोपता नेशनल हाईवे 58 तथा केदारनाथ मार्ग पर स्थित है।
देहरादून और ऋषिकेश से चोपता के लिए निरंतर रूप से बसों का सञ्चालन किया जाता है। वही उत्तराखंड की अन्य जगहों श्रीनगर, ऊखीमठ, गुप्तकाशी, श्रीनगर, गोपेश्वर तथा देहरादून से भी आपको चोपता के लिए बसे मिल जाएगी। चोपता की दूरी देहरादून से 246 किमी, हरिद्वार से 226 किमी तथा ऋषिकेश से 211 किमी है।
How to reach Chopta by Train: चोपता का अपना कोई रेलवे स्टेशन नहीं है अपितु यहाँ का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश में है जो चोपता से लगभग 211 किमी की दूरी पर स्थित है। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख नगरों से आपस में जुड़ा हुआ है। स्टेशन के बाहर ही आपको प्राइवेट टैक्सी मिल जाएगी जिससे आप चोपता तक पहुंच सकते है।
आप चाहे तो अपने वाहन द्वारा भी यहाँ तक पहुंच सकते है। अन्यथा ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से बाहर आकर उत्तराखंड रोडवेज की बस द्वारा आप आसानी से यहाँ तक पहुंच सकते है। चोपता की दूरी देहरादून से 246 किमी, हरिद्वार से 226 किमी तथा ऋषिकेश से 211 किमी है।
How to reach Chopta by Air: चोपता का सबसे
नजदीकी वायु मार्ग देहरादून स्थित जॉलीग्रांट है जो हर्षिल से 226 किमी दूर है। जॉली ग्रांट हवाई अड्डे के बाहर ही आपको कई टैक्सी खड़ी मिल
जाएगी जिनके द्वारा आप यहाँ तक पहुंच सकते है।
आप चाहे तो उत्तराखंड रोडवेज की बस द्वारा भी चोपता तक पहुंच सकते है जिसका
सञ्चालन ऋषिकेश व देहरादून से सुचारु रूप से किया जाता है।
हैलो, दोस्तों मैं पंकज पंत एक ब्लॉगर। दोस्तों लिखने, पड़ने व म्यूजिक (खासतौर से मैगज़ीन जैसे इंडिया टुडे व क्रिकेट सम्राट वगैरह) का शौक पहले से ही था तो सोचा क्यों न कुछ लिखा जाये और लिखा भी वो जाये जिसे पढ़कर पाठको को आनन्द भी आये व उसे पढ़कर उनके ज्ञान में भी कुछ वृद्धि हो सके। परन्तु लिखने के लिए एक लेखन सामग्री की आवश्यकता होती है तो सोचा किस विषय पर लिखा जाये। सोचते हुए दिमाग में आया की क्यों न अपने ही गृह राज्य उत्तराखंड के बारे में लिखा जाये जिसकी पृष्टभूमि बहुत ही विशाल होने के साथ-साथ यहाँ की संस्कृति और सभ्यता भी बहुत विकसित है। वही ये एक शानदार पर्यटक स्थल होने के अलावा धार्मिक दृस्टि से भी परिपूर्ण है। यहाँ हर साल हजारो की संख्या में मेलो व त्योहारों का आयोजन होता रहता है जिसे देखने व इनमे शामिल होने के लिए देश-विदेश से लाखो-करोडो लोग उत्तराखंड आते है व इन मेलों को देखने के साक्षी बनते है। इस कारण मैंने लिखने की शुरुवात की अपने उत्तराखंड से। अपनी इस वेबसाइट में मैंने उत्तराखंड की संस्कृति एवं सभ्यता, उत्तराखण्ड के प्रमुख पर्यटक स्थल, उत्तराखण्ड के प्रमुख मंदिरो, उत्तराखण्ड के प्रमुख नृत्य व संगीत, उत्तराखण्ड के प्रमुख ट्रेक्किंग स्थलों, उत्तराखण्ड के मुख्य डैम, उत्तराखण्ड की झीलों व ग्लेशियर के अलावा यहाँ की प्रमुख पर्वत चोटियों व अन्य विषयो को पाठको के समक्ष प्रस्तुत किया है। जैसे- जैसे मुझे अन्य कोई जानकारी मिलती जाएगी में उन्हें अपने पाठको के समक्ष प्रस्तुत करता रहूँगा। धन्यवाद पंकज पंत
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