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औली के पास कई ऐसे पर्यटक स्थल है जहाँ यात्री औली भ्रमण के दौरान घूमने जा सकते है। यहाँ से आप नंदप्रयाग जा सकते है जो अलकनंदा और नंदाकिनी नदियों के संगम के लिए जाना जाता है। इस स्थल पर स्नान धार्मिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है वही ये बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम का प्रवेश द्वार भी है।
यहाँ आकर आप बद्रीनाथ और केदारनाथ की यात्रा पर जा सकते है जो हिन्दुओ के लिए सबसे पवित्र मंदिर है।इसके अलावा आप पाँच बद्रियों में से एक भविष्य बद्री के दर्शन हेतु भी जा सकते है।
औली अपने बुग्यालों के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है यहाँ पर आप गुरसो बुग्याल तथा कुंवारी बुग्याल (Gurson Bugyal & Kuari Bugyal) भी जा सकते है जो यहाँ पर पर्यटकों के बीच साहसिक एवं मनोरंजक कार्यो को करने हेतु एक मुख्य गंतव्य है। (औली में किये जाने वाले साहसिक एवं मनोरजक कार्यो को जानने के लिए ये पढ़े।) कुंवारी बुग्याल गुरसो बुग्याल से 12 किमी की दूरी पर स्थित है। जहाँ से आप हिमालय पर्वतो की बर्फ से ढकी चोटियों को आसानी से देख सकते है। इसके अलावा आप यहाँ से नंदा देवी पर्वत, कामेट पर्वत, मान पर्वत की पर्वत श्रंखला को भी देख सकते है।
यहाँ पर ट्रैकिंग के साथ–साथ हिल क्लाइम्बिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, फारेस्ट कैंपिंग आदि मनोरंजन के साधन भी है जिन्हे आप यहाँ भ्रमण के दौरान इनका लुत्फ़ उठा सकते है।
औली में करे प्राचीन भविष्य बद्री के दर्शन ।
1- Bhavishya Badri in Hindi: औली में करे भविष्य बद्री के दर्शन: भविष्य बद्री औली में स्थित प्रमुख धार्मिक पर्यटक स्थलों में से एक है जो समुद्र तल से 2,744 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहाँ तक पहुँचने के लिए आपको तपोवन से पैदल आना होता है। तपोवन से भविष्य बद्री तक लगभग 6 किमी का ट्रैक (औली के प्रमुख ट्रैकिंग स्थलों के बारे में जानने के लिए ये पोस्ट पढ़े।) कर यहाँ तक पहुंच सकते है।
भविष्य बद्री भगवान विष्णु के पंच बद्री
में से एक है। अन्य चार बद्री में बद्रीनाथ, आदि बद्री, योग बद्री तथा वृद्ध
बद्री शामिल है। इस मंदिर में भगवान विष्णु के नरसिंह
अवतार की मूर्ति विराजित है।
मान्यता के अनुसार भविष्य में ख़राब मौसम
के कारण बद्रीनाथ धाम तक मनुष्यो का पहुंचना मुश्किल हो जायेगा तब भविष्य बद्री
में ही भगवान बद्री को पूजा जायेगा।
औली में करे नरसिंह देवता के दर्शन।
2- Narsingh Temple in Hindi: औली में करे नरसिंह देवता के दर्शन: नरसिंह मंदिर औली से 15 किमी की दूरी पर जोशीमठ में स्थित है तथा जोशीमठ के लोअर बाजार एरिया (Lower Bazaar Area) में स्थित है।
यह मन्दिर पर्यटकों की आस्था का मुख्य केंद्र है। इसे नरसिंह बद्री मन्दिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मन्दिर भगवान नरसिंह को समर्पित है जो भगवान विष्णु के चौथे अवतार माने जाते है। भगवान नरसिंह आधे शेर और आधे मनुष्य के बने हुए थे।
मान्यता के अनुसार मंदिर में रखी भगवान नरसिंह की मूर्ति की बायीं कलाई हर रोज पतली होती जा रही है। मान्यता के अनुसार जिस दिन मूर्ति में लगी कलाई पतली होते हुए प्रतिमा से अलग हो जाएगी तब चार धामों में से एक बद्रीनाथ को जाने वाला रास्ता बंद हो जायेगा।
औली के निकट पवित्र स्थल “नंदप्रयाग”
3- About Nandaprayag in Hindi: औली के निकट पवित्र स्थल “नंदप्रयाग”: नंदप्रयाग अलकनंदा और नंदाकिनी नदियों की संगम स्थली के लिए जाना जाता है। यहाँ पर स्नान धार्मिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। माना जाता है की इस संगम में स्नान करने से मनुष्य के सारे पाप धुल जाते है।
नंदप्रयाग बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम को जाने के लिए भी प्रवेश द्वार है। यहाँ आकर आप इन दोनों धामों की यात्रा पर जा सकते है जो हिन्दुओ के पवित्र धाम है। नंदप्रयाग को पांच प्रयागो में से भी एक माना जाता है जिसमे चार अन्य में विष्णुप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग तथा कर्णप्रयाग है। यहाँ से हिमालय की बर्फ से ढकी पर्वत चोटियों को स्पष्ट देखा जाया जा सकता है।
मान्यता के अनुसार नंदा देवी मंदिर की स्थापना भी
नंदप्रयाग के गांवो के लोगो द्वारा ही कराई गई थी।
Nanda Devi National Park
4- About Nanda Devi National Park in Hindi: वन्य जीव का आनन्द ले नंदा देवी नेशनल पार्क में: नंदा देवी नेशनल पार्क यहाँ का मुख्य पर्यटक स्थल है जहाँ वन्य जीव प्रेमी भ्रमण हेतु जा सकते है। नंदा देवी पर्वत देश मे स्थित दूसरी सबसे ऊंची पर्वत चोटी है जो यूनेस्को द्वारा भी संग्रहित की गई है।
इस पार्क में कई लुप्त प्रायः जीव जैसे
स्नो लेपर्ड, हिमालयन मस्क डियर, काळा भालू जैसे जानवर देख सकते है वही इस
पार्क के अंदर नंदा देवी सेंचरी भी घूमने का आनंद ले जा सकते है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क जोशीमठ(Distance
between Joshimath to Nanda Devi National Park) से लगभग 18 किमी दूरी पर
स्थित है।
Enjoy in Valley of flowers
5- Valley of flowers in Hindi: फूलो का दीदार करे प्रसिद्ध वैली ऑफ़ फ्लावर्स में: वैली ऑफ़ फ्लावर्स उत्तराखण्ड के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है जिसे देखने पूरी दुनिया से पर्यटक यहाँ पहुंचते है। वैली ऑफ़ फ्लावर्स औली बस अड्डे से लगभग 14 किमी की दूरी पर स्थित है।
इस उद्यान को राष्ट्रीय उद्यान भी कहा जाता है तथा Unesco द्वारा भी इस उद्यान को संरक्षित कर विश्व विरासत की श्रेणी में रखा हुआ है। ये उद्यान लगभग 87.50 किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है।
फूलो की घाटी में आप कई किस्म के फूलो का
दीदार कर सकते है। फूलो की घाटी को जाने के लिए आपको गोविंदघाट के
घंजिया से ट्रैक की शुरुवात करनी पड़ती है जिसमे आपको खड़ी
चढ़ाई पर चलना होता है।
फूलो की घाटी जाने वाले यात्री हेमकुंड
साहिब की यात्रा पर भी जा सकते है। फूलो के घाटी के
चेकपोस्ट से सीधा रास्ता हेमकुंड साहिब की और जाता है।
Enjoy at Gurson Bugyal in Auli
6- Gurson Bugyal in Hindi: घूमने जाये औली के प्रसिद्ध गुरसो बुग्याल: औली के खूबसूरत पर्यटक स्थलों में से एक है गुरसों बुग्याल जो समुद्र तल से 3,056 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस बुग्याल तक पहुंचने के लिए आपको औली से 3 किमी का ट्रैक करके जाना होता है। (औली में किये जाने वाले साहसिक एवं मनोरजक कार्यो को जानने के लिए ये पढ़े।)
बुग्याल का अर्थ एक बड़े से घास के मैदान
से होता है जो हरी मखमली घास के बने होते है। ये बुग्याल हिमशिखरों की तलहटी में पाए जाते है।
गुरसों बुग्याल चारो और से प्राकर्तिक
सुंदरता से भरा हुआ है जहाँ से आप नंदा देवी पर्वत चोटी, त्रिशूल पर्वत तथा
द्रोण पर्वत की खूबसूरती को करीब से देख सकते है।
Enjoy at Kuari Bugyal in Auli
7- Kuari Bugyal in Hindi: घूमने जाये औली के प्रसिद्ध कुँवारी बुग्याल: औली के खूबसूरत पर्यटक स्थलों में से एक है कुँवारी बुग्याल जो समुद्र तल से 3,380 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह बुग्याल गुरसों बुग्याल से 12 किमी की दूरी पर स्थित है। यह बुग्याल चारो और से प्राकर्तिक सुंदरता से भरा हुआ है जहाँ से आप नंदा देवी पर्वत चोटी, त्रिशूल पर्वत तथा द्रोण पर्वत की खूबसूरती को करीब से देख सकते है।
कुँअरि बुग्याल ट्रैकर्स के लिए भी एक खूबसूरत ट्रैकिंग स्थल है जहाँ बड़ी संख्या में ट्रैकर्स ट्रैकिंग हेतु आते है। यहाँ जाने के लिए जून से सितम्बर तक का समय सबसे अच्छा माना जाता है। मानसून के मौसम में यहाँ जाने से बचना चाहिए। बारिश के कारण इस ट्रैक पर अत्यधिक फिसलन रहती है जिससे ट्रेकर्स के गिरने का भय बना रहता है।
Famous Chattarkund Lake in Auli
8- Chattarkund Lake in Hindi: औली की प्रसिद्ध छतरकुण्ड लेक: गुरसों बुग्याल से 1 किमी की दूरी पर औली में मौजूद एक और खूबसूरत पर्यटक स्थल है जिससे छत्रकुंड के नाम से जाना जाता है। आप गुरसों बुग्याल तक पहुँचकर छत्रकुंड घूमने हेतु जा सकते है।
यहाँ एक कुंड बना हुआ है जो चारो और से घने जंगलो से घिरा हुआ है। यह एक शान्त जगह होने के साथ ही सदियों से पर्यटकों को भी अपनी और आकर्षित करता आयी है। फोटोग्राफर्स के लिए भी ये एक शानदार जगह है जो यहाँ प्रकर्ति की खूबसूरती को अपने कैमरे में कैद कर सकते है।
Visit Auli Lake near Auli
9- Auli Lake in Hindi: औली की प्रसिद्ध औली झील: औली के पर्यटक स्थलों में एक और शानदार पर्यटक स्थल है। औली की यह झील विश्व में सबसे ऊंचाई पर बनाई गई मानव निर्मित झील है जिसका निर्माण 2010 के दौरान किया गया था।
इस झील में फ्रांस द्वारा निर्मित मशीने लगाई गई है जिसके द्वारा औली में बर्फ न पड़ने पर इस झील के पानी से मशीनों द्वारा बर्फ बनाई जाती है जो यहाँ पर स्की प्रतियोगिताओ में इस्तेमाल की जाती है। झील का पानी स्की ढलानों के साथ रखी स्नो गन्स में भरा जाता है।
Visit Chenab Lake near Auli
10- Chenab Lake in Hindi: औली की खूबसूरत चेनाब लेक: चेनाब लेक औली में स्थित एक और प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है जो पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता आया है। यह झील काफी ऊंचाई में बनाई गई है जहाँ से प्रकर्ति का खूबसूरत नजारा देखा जाया जा सकता है।
यह झील जोशीमठ के अंतिम गांव डंग (Dang Village) के बाद आती है तथा यहाँ तक ट्रैक करते हुए पहुंचना होता है। यह झील देवदार और ओक के घने पेड़ो से घिरी हुई है जहाँ से आप नंदाकोट पर्वत, नंदा देवी पर्वत और द्रोणागिरी पर्वत को नजदीक से देख सकते है।
ये पर्वत यहाँ से देखने पर दिन ढलते हुए रंग बदलते हुए प्रतीत होते है। चेनाब झील ट्रैक अभी भी गढ़वाल क्षेत्र के कई लोगो की पहुंच से अभी भी दूर है।
Enjoy at Second longest ropeway at Auli
11- Ropeway of Auli in Hindi: औली के प्रसिद्ध रोपवे से ले औली का आनन्द: औली यात्रा के दौरान आप यहाँ मौजूद रोपवे का आनंद ले सकते है जो लगभग 4.5 किमी लम्बा तथा 10,000 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है। ये रोपवे भारत में स्थित गुलमर्ग के बाद एशिया में दूसरे स्थान पर काबिज सबसे लम्बा रोपवे है जो जोशीमठ से शुरू होकर औली तक जाता है। वही औली में भी एक रोपवे मौजूद है जो GMVN से औली तक जाती है यह रोपवे लगभग 800 मीटर लम्बा है।
इस रोपवे में बैठकर आप औली में स्थित
हिमालय पर्वत की विस्तृत श्रंखला तथा पूरे औली की खूबसूरती को
करीब से देख सकते है।
रोपवे पर जाने के लिए आपको 1,000 रुपया की कीमत का टिकट लेना पड़ता है जो आप जोशीमठ से खरीद सकते है। इस पूरी यात्रा में आपको 25 मिनट तक का समय लग जाता है। वही GMVN से औली तक का किराया 500 रुपए है। ये फ्लाइट हर 15 से 20 मिनट के अंतराल पर चलती है।
हैलो, दोस्तों मैं पंकज पंत एक ब्लॉगर। दोस्तों लिखने, पड़ने व म्यूजिक (खासतौर से मैगज़ीन जैसे इंडिया टुडे व क्रिकेट सम्राट वगैरह) का शौक पहले से ही था तो सोचा क्यों न कुछ लिखा जाये और लिखा भी वो जाये जिसे पढ़कर पाठको को आनन्द भी आये व उसे पढ़कर उनके ज्ञान में भी कुछ वृद्धि हो सके। परन्तु लिखने के लिए एक लेखन सामग्री की आवश्यकता होती है तो सोचा किस विषय पर लिखा जाये। सोचते हुए दिमाग में आया की क्यों न अपने ही गृह राज्य उत्तराखंड के बारे में लिखा जाये जिसकी पृष्टभूमि बहुत ही विशाल होने के साथ-साथ यहाँ की संस्कृति और सभ्यता भी बहुत विकसित है। वही ये एक शानदार पर्यटक स्थल होने के अलावा धार्मिक दृस्टि से भी परिपूर्ण है। यहाँ हर साल हजारो की संख्या में मेलो व त्योहारों का आयोजन होता रहता है जिसे देखने व इनमे शामिल होने के लिए देश-विदेश से लाखो-करोडो लोग उत्तराखंड आते है व इन मेलों को देखने के साक्षी बनते है। इस कारण मैंने लिखने की शुरुवात की अपने उत्तराखंड से। अपनी इस वेबसाइट में मैंने उत्तराखंड की संस्कृति एवं सभ्यता, उत्तराखण्ड के प्रमुख पर्यटक स्थल, उत्तराखण्ड के प्रमुख मंदिरो, उत्तराखण्ड के प्रमुख नृत्य व संगीत, उत्तराखण्ड के प्रमुख ट्रेक्किंग स्थलों, उत्तराखण्ड के मुख्य डैम, उत्तराखण्ड की झीलों व ग्लेशियर के अलावा यहाँ की प्रमुख पर्वत चोटियों व अन्य विषयो को पाठको के समक्ष प्रस्तुत किया है। जैसे- जैसे मुझे अन्य कोई जानकारी मिलती जाएगी में उन्हें अपने पाठको के समक्ष प्रस्तुत करता रहूँगा। धन्यवाद पंकज पंत
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