Home Tourist places of Uttarakhand Pithoragarh “The Mini Kashmir of Uttarakhand”

Pithoragarh “The Mini Kashmir of Uttarakhand”

by Pankaj Pant
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A place located in the district Kinnaur of Himachal Pradesh, which is very famous among nature and religious lovers, where millions of tourists from abroad come to visit every year and experience peace as well as spirituality. This is the place where Lord Shiva Sit on your own, know about the famous Kinnar Kailash trek of Himachal. http://hindi.worldtravelfeed.com/kinner-kailash-home-of-lord-shiva

Pithoragarh “The Kashmir of Uttarakhand”

पिथौरागढउत्तराखंड का कश्मीर

पिथौरागढ, उत्तराखण्ड का एक जिला होने के साथ ही उत्तराखण्ड के सबसे खूबसूरत जिलों में से भी एक है जिसे छोटा कश्मीर के नाम से भी जाना जाता है।  पिथौरागढ़ अपनी खूबसूरती के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। ये हिमालयी पर्वतमाला का प्रवेशद्धार भी कहा जाता है जिसकी तुलना अपने भ्रमण के दौरान भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व0 राजीव गांधी ने स्विटजरलैंड सें की थी।

पिथौरागढ़ का कुल क्षेत्रफल 2,750 वर्गमीटर तथा कुल जनसंख्या (Population of Pithoragarh) 4,85,993 है। यह एक सीमान्त जनपद है जो समुद्र तल से लगभग 1,645 मीटर(Height of Pithoragarh) की ऊंचाई पर स्थित हैं।

पिथौरागढ़ एक पर्वतीय जिला होने के कारण इसके सीमाएं पर्वतीय क्षेत्र से ही  मिलती है। इसके उत्तर का क्षेत्र तिब्बत, दक्षिण का अल्मोडा, उत्तरपश्चिमी क्षेत्र चमोली जिला तथा पूर्वी क्षेत्र में नेपाल पडता है, जिसका अधिकतर हिस्सा पहाडी व उबडखाबड है। यह चारों ओर से पहाडों और बर्फ से ढके पहाडो से धिरा हुआ है। चारो और से बर्फ से ढके पहाड व प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक सौन्दरता होने के कारण यह पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र रहता है। 

कुमाऊॅ क्षेत्र का मुख्य हवाई अडडा नैनी सैणी भी यही पर स्थित है, जिस पर अभी देहरादून से हवाई यात्रा संचालित की जा रही है परन्तु अब प्रसाशन द्वारा अन्य जगहों सें भी यहाँ के लिए यात्रा संचालित करने हेतु प्रयास किये जा रहें है।

पिथौरागढ का पुराना नाम सोरधाटी हुआ करता था जिसका अर्थ सरोवर होता है। पहले यहाँ सात सरोवर हुआ करते थे, परन्तु दिनप्रतिदिन मौसम में परिवर्तन व ग्लोबल वार्मिंग के कारण इनका जल सूखता चला गया और यहाँ केवल पठारी भूमि ही रह गई। यहाँ कई चर्च, मिशनरी स्कूल व अंग्रेजो के समय की बनी हुई इमारतें व पुराने किले है वही यहाँ प्रचुर मात्रा में चूना पत्थर, स्लेट, तांबा व मेग्नीशियम भी पाया जाता है। यह स्थान 6 प्राकृतिक नालों से सिंचित तथा सीढीनुमा खेतों वाला एक सुन्दर व रमणीक स्थल है।

Best 5 Things to do in Pithoragarh

पिथौरागढ़ में किये जाने वाले कार्य

पिथौरागढ़ घूमने पूरी दुनिया से पर्यटक आते है इसकी खूबसूरती देख कर ही इसे छोटा कश्मीर कहकर जाना जाता है यहाँ पर्यटकों के करने हेतु बहुत कुछ है यहाँ बर्फ पड़ने पर दूर दूर से साहसिक खेल प्रेमी स्कीइंग करने हेतु यहाँ पहुंचते है व इस खेल का आनंद लेते है

यहाँ पर खलिया टॉप, चिपलकोट व बैतूल धार यहाँ का मुख्य स्कीइंग स्पॉट है स्कीइंग(Skiing) के अलावा यहाँ पर ट्रैकिंग(Trekking), क्याकिंग(Kayaking), राफ्टिंग(Rafting), रिवर कैंपिंग(River Camping) व पैराग्लाइडिंग(Paragliding) हेतु भी पर्यटक दूर-दूर से यहाँ पहुंचते है इन सब के अलावा यहाँ आने वाला पर्यटक यहाँ के प्रसिद्ध मंदिर व पर्यटक स्थलों के दर्शन हेतु भी जा सकता है यहाँ आकर व्यक्ति को असीम आनंद की प्राप्ति होती है

A place located in the district Kinnaur of Himachal Pradesh, which is very famous among nature and religious lovers, where millions of tourists from abroad come to visit every year and experience peace as well as spirituality. This is the place where Lord Shiva Sit on your own, know about the famous Kinnar Kailash trek of Himachal. http://hindi.worldtravelfeed.com/kinner-kailash-home-of-lord-shiva/

1- Trekking in Pithoragarh (पिथौरागढ़ में ले ट्रैकिंग का आनन्द )

पिथौरागढ़ एक बेहद खूबसूरत जगह होने के साथ यहाँ कई बेहतरीन ट्रैक्स भी है जिनमे ट्रैकिंग हेतु दूर दूर से ट्रैकर्स पहुंचते है यहाँ के प्रमुख ट्रैकिंग स्थलों में मिलम ग्लेशियर ट्रैक, रालम ग्लेशियर ट्रैक, नामिक ग्लेशियर, काली ग्लेशियर, हीरामणि ग्लेशियर, पिनौरा ग्लेशियर तथा चिप्ला केदार ट्रैक है जहाँ पूरी दुनिया से ट्रैकर्स ट्रैकिंग हेतु आते है वही विश्व की सबसे लम्बी दूरी की धार्मिक यात्रा माने जाने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा भी पिथौरागढ़ से ही शुरू होती है

1- Milam Glacier: मिलम ग्लेशियर: मिलम ग्लेशियर जिला पिथौरागढ़ के मुनस्यारी तहसील में स्थित है जहाँ से पिंडर की सहायक नदी मिलम व काली की सहायक नदी गौरीगंगा निकलती है।

यह ग्लेशियर लगभग 16 कि०मी० लम्बा है व मूल रूप से कुमाऊँ मंडल का सबसे बड़ा ग्लेशियर है। यह ग्लेशियर समुद्र तल से 5,500 मीटर से 3,870 मीटर है। यहाँ जाने के रास्ते पर आपको बहुत सारे गांव, जंगल, झीले व पुल मिलेंगे जिनसे होते हुए आप यहाँ तक पहुँच सकते है।

मुनस्यारी से मिलम ग्लेशियर(Milam Glacier) तक की सड़क का कार्य बी० आर० ओ० द्धारा 2008 से किया जा रहा है परन्तु ये अभी तक पूर्ण नहीं ही पाया है परन्तु अब शायद प्रतीत होता है की सड़क बनाने का ये कार्य 2020 तक पूर्ण हो जायेगा।

2-   Namik Glacier: नामिक ग्लेशियर: नामिक ग्लेशियर पिथौरागढ़ जिले में स्थित है। यह ग्लेशियर 2,700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जो नामिक नामक गांव से 25 किमी० की दूरी पर स्थित है।

इसी ग्लेशियर से रामगंगा नाम की नदी का भी उदय होता है जो यहाँ आस पास के गांवो व नामिक नाम के गांव को पीने व सिचाई के लिए पानी उपलब्ध होता है। इस ग्लेशियर में जाने के रास्ते पर आपको कई सारे गांव, झीले, जंगल आदि मिलते है। 

इस रास्ते पर कई घने जंगल पड़ते है व मानव की अनुपस्थिति बहुत कम होने के कारण यहाँ कई सारी जड़ी-बूटियाँ उपलब्ध होती है। इस ग्लेशियर को सन 2018 को ट्रैक ऑफ द ईयर का पुरुस्कार भी मिल चुका है। यहाँ जाने के लिए ट्रैकर काठगोदाम से ट्रैक शुरू करके बागेश्वर, गोगिना, थल टॉप, नन्दकुन्द होते हुए ग्लेशियर व्यू पॉइंट तक पहुंच सकते है।

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2- Rafting and Kayaking in Pithoragarh (पिथौरागढ़ में ले राफ्टिंग व क्याकिंग का आनन्द)-

राफ्टिंग और क्याकिंग व अन्य वॉटर स्पोर्ट्स के शौकीनों के लिए पिथौरागढ़ एक आदर्श स्थल है। यहाँ पर पिथौरागढ़ स्थित जौलजीबी से बहने वाली काली नदी में ये सारी साहसिक गतिविधियाँ कराई जाती है जहाँ से राफ्टिंग करते हुए नेपाल का भव्य नजारा देखा जाया जा सकता है। यहाँ स्थित काली नदी में हर साल क्याकिंग, राफ्टिंग व अन्य प्रतियोगिताओ का भी वहाँ के प्रशासन द्वारा आयोजन करवाया जाता है। यहाँ पर काली नदी के अलावा निढाल, पंचेश्वर, परीगांव आदि जगहों सभी खेलो का आयोजन किया जाता है।

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3- Paragliding in Pithoragarh (पिथौरागढ़ में ले पैराग्लाइडिंग का आनन्द)-

पैरा ग्लाइडिंग भी पिथौरागढ़ में होने वाले मुख्य साहसिक खेलो में से एक है यहाँ के ऊंचे व मजबूत पहाड़ पैरा ग्लाइडिंग हेतु उपयुक्त है पैरा ग्लाइडिंग करते हुए आप पूरे पिथौरागढ़ की खूबसूरती, चारो और फैली हरियाली के साथ दूर-दूर तक फैले देवदार व चीड़ के पेड़ो का आनंद ले सकते है जो देखने में बहुत आकर्षित लगते है तथा पर्यटकों का मन मोह लेते है पिथौरागढ़ में पैरा ग्लाइडिंग सीखने के शौक़ीन लोगो को यहॉ मौजूद कई एजेंसीज व K.M.V.N द्वारा 5 से दिन तक का कोर्स भी कराया जाता है जिसकी फीस 6,000 से लेकर 10,000 तक होती है

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4- Riverside Camping in Pithoragarh (पिथौरागढ़ में ले नदी किनारे कैंपिंग का आनन्द)-  

अगर आप नदी किनारे कैंपिंग करना चाहते है तथा वही पर मछलियाँ पकड़कर खाने के शौकीन है तो पिथौरागढ़ आपके लिए सबसे अच्छा उपयुक्त जगह हो सकती है। यहाँ पर मुन्सियारी, धारचूला व कई अन्य ऐसी जगह है जहाँ आप कैंपिंग का लुत्फ़ उठा सकते है।

मुन्सियारी में रामगंगा के निकट आप कैंपिंग का आनंद ले सकते है वही नाचनी गांव में भी आप कैंपिंग कर सकते है जो कैंपिंग हेतु उपयुक्त है। नाचनी गांव एक खूबसूरत व चारो और से पहड़ियो से घिरा हुआ है जहाँ आप नदी किनारे कैंपिंग के साथ क्याकिंग(Kayaking), बॉडी सर्फिंग(Body Surfing) तथा मछलियों को पकड़ने(Fishing) का आनंद ले सकते है।

Pithoragarh “The Mini Kashmir of Uttarakhand”

5- Enjoy Wildlife in Pithoragarh(पिथौरागढ़ में ले वन्यजीव का आनन्द)-  

यहाँ के अन्य मुख्य पर्यटक स्थलों में एस्काट कस्तूरी मृग अभ्यारण्य है जो कस्तूरी मृगों के संरक्षण हेतु बनाया गया है इसके अलावा यहाँ जंगली बिल्ली, बारहसिंगा, कस्तूरी मृग, गोराल, सफेद भालू, हिमालयी भालू, भरल, मुर्गा, तीतर यूरोपियन तीतर पाये जाते है।

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6- Temples in Pithoragarh (पिथौरागढ़ में ले धार्मिक गतिविधियों का आनन्द)-

यहाँ के मुख्य मंदिरों में से नकुलेश्वर मंदिर है जो खजुराहों की शैली का बना हुआ है, इसके अतिरिक्त यहाँ अर्जुनेश्वर मंदिर, मोस्तमनु मंदिर, पाताल भुवनेश्वर मंदिर, हाट कालिका मंदिर, कोटगरी देवी मंदिर, नारायण आश्रम आदि मुख्य मंदिर है।

ये विश्व प्रसिद् कैलाश मानसरोवर यात्रा का भी प्रवेश द्वार है। जहाँ से कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले श्रद्वालु एकत्र होते है तथा आगे की यात्रा प्रारम्भ करते है।

पिथौरागढ़ के प्रमुख मंदिर निम्न है 

1- Patal Bhuvneshwar Temple: पाताल भुवनेश्वर मन्दिर: पाताल भुवनेश्वर मन्दिर जिला पिथौरागढ़ के तहसील गंगोलीहाट में स्थित है जो पिथौरागढ़ से लगभग 77 किमी की दूरी पर स्थित है तथा समुद्र तल से 1350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है जिसका वर्णन पुराणों में भी किया गया है इस मंदिर के अन्दर एक विशाल गुफा है जो लगभग 90 फ़ीट गहरी मानी जाती है जो 33 करोड़ देवी देवताओ का निवास स्थल माना जाता है

गुफा के अंदर चार पत्थर भी रखे हुए है जिन्हे चारो युगो का प्रतीक माना जाता है इन्ही में से एक पत्थर कलयुग का भी माना जाता है कहा जाता है जब ये कलयुग का पत्थर गुफा की ऊपरी दीवार से टकरा जायेगा तब कलयुग का अंत हो जायेगा इसी स्थान पर भगवान गणेश का कटा हुआ सिर भी रखा हुआ है मान्यता के अनुसार यही वो स्थान है जहाँ भगवान शिव ने गणेश जी का सर काट दिया था वो कटा हुआ सर आज भी इस गुफा के अंदर विराजमान है

गुफा में 33 करोड़ देवी देवताओ का निवास स्थल है जिसमे तक्षक नाग, काल भैरव, यम-कुबेर, वरुण, लक्ष्मी, गणेश, गरुण, बाबा अमरनाथ की गुफा, केदारनाथ, बद्रीनाथ व अन्यो के अतिरिक्त 108 पंखो वाला ब्रह्कमल विराजमान है 

2- Hat Kalika Temple: हाट कालिका मंदिर:  हाट कालिका जिला पिथौरागढ़ में स्थित एक सिद्ध पीठ है जो माँ काली को समर्पित है यह मन्दिर पिथौरागढ़ के तहसील गंगोलीहाट में है जो पिथौरागढ़ से 77 किमी की दूरी पर स्थित है यह एक शक्तिपीठ है जिसका वर्णन स्कंदपुराण के मानसखण्ड में भी किया गया है इस मन्दिर के चारो तरफ हरियाली है तथा मन्दिर चारो और से देवदार के वृक्षों से घिरा हुआ है

इस मन्दिर के बारे में मान्यता है की माँ काली यहाँ रात्रि निवास करने हेतु आती है इस कारण मंदिर के भीतर रात्रि को माँ काली के शयन हेतु बिस्तर लगाया जाता है सुबह देखने पर बिस्तर में सिलवटें पड़ी दिखाई देती है जिससे अनुमान लगता है की बिस्तर पर रात्रि को कोई सोया हुआ था वही मंदिर के भीतर एक अग्नि भी लगातार प्रज्जवलित रहती है

इस मंदिर की स्थापना आदि गुरु शंकराचार्य जी द्वारा 1 हजार साल से भी पहले की गई थी जबकि 1971 को भारत और पाकिस्तान के युद्ध के दौरान सूबेदार शेर सिंह द्वारा इस मंदिर में महाकाली की मूर्ति की स्थापना की गई थी

माँ काली कुमाऊँ रेजिमेंट की भी आराध्य देवी है कुमाऊँ रेजिमेंट वाले जब भी किसी युद्ध पर अन्य किसी मिशन पर जाते है तो माँ काली का आशीर्वाद लेकर ही जाते है नवरात्री के समय यहाँ पर श्रद्धालुवो की अत्यंत भीड़ लगती है तथा प्रसाद के रूप में भेड़ व बकरियों की बलि के उपरांत उसको पकाकर प्रसाद के रूप में दिया जाता है

3- Kotgari Devi Temple: कोटगाड़ी देवी मन्दिर: कोटगाड़ी देवी मन्दिर जिला पिथौरागढ़ के पाखु नामक स्थान के पास कोटगाडी नाम के गांव में स्थित है इस मन्दिर में सालो से पाठक परिवार के लोग ही पूजा पाठ इत्यादि किया करते है इस मन्दिर को यहाँ के निवासी अदालत के रूप में मानते है कहा जाता है की किसी को न्याय न मिलने पर वो लोग इस मंदिर में न्याय हेतु जाते है उन लोगो की अपेक्षा रहती है की माता कोटगाडी उनको त्वरित न्याय दिलाएंगी 

4- Narayan Ashram: नारायण आश्रम: नारायण आश्रम पिथौरागढ़ में स्थित एक बेहद खूबसूरत पर्यटक स्थल है जो पिथौरागढ़ मुख्य शहर से लगभग 45 किमी की दूरी पर स्थित है यह आश्रम एक शांत जगह पर स्थित है जिसका निर्माण सन 1936 के दौरान नारायण स्वामी द्वारा कराया गया था यह आश्रम समुद्र तल से 2,734 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जहाँ पर एक स्कूल, पुस्तकालय, ध्यान कक्ष बना हुआ है यही पर स्थानीय लोगो को प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जाता है

इस आश्रम में बड़ी संख्या में देसी एवं विदेशी लोगो का आगमन होता रहता है जो यहाँ आकर शांति व अध्यात्म का अनुभव करते है सदियों के समय भारी बर्फ़बारी व मानसून के दौरान भारी बरसात के कारण ये आश्रम पर्यटकों के लिए बंद कर दिया जाता है

5- Mostamanu Temple: मोस्तमनु मंदिर: मोस्तमनु मंदिर पिथौरागढ़ शहर से 6 किमी की दूरी पर पिथौरागढ़ किले के पास स्थित है मंदिर भगवान मोस्टा को समर्पित है जो वर्षा के देवता के रूप में जाने जाते है जो देवराज इंद्र के पुत्र माने जाते है इस मंदिर में प्रति वर्ष अगस्त और सितम्बर माह के दौरान विशाल मेले का आयोजन किया जाता है जिसमे सम्मलित होने श्रद्धालु दूर-दूर से यहाँ पर आते है

मेले के दौरान यहाँ रखे विशाल पत्थरो को उठाने की होड़ सी लगी रहती है परन्तु इस कार्य में कुछ ही लोगो को सफलता मिलती है अधिकांशतः लोगो को निराश ही होना पड़ता हैजो इन पत्थरो को उठा लेता है भगवान मोस्तु उनकी सारी मनोकामनाएँ पूरी करते है यहाँ होने वाले चमत्कार को आज तक तक कोई वैज्ञानिक भी समझ नहीं पाया है

यहाँ से पूरी पिथौरागढ़ घाटी का मनमोहक द्रस्य देखा जा सकता है यहाँ आने पर श्रद्धालुवो को असीम शांति की अनुभूति होती है ये मंदिर पिथौरागढ़ में सबसे ज्यादा घूमने लायक जगहों में से भी एक है

Top 5 Tourist places in Pithoragarh

पिथौरागढ़ के 5 प्रमुख पर्यटक स्थल

विश्व प्रसिद् पर्यटक स्थल धारचुला, मुन्सयारी, अस्कोट, झूलाघाट, थल केदार, गंगोलीहाट जौलजीबी तथा चौकौरी जैसे खूबसूरत स्थल पिथौरागढ़ में ही स्थित है जहाँ साल भर देशी विदेशी पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है ये ऐसे पर्यटक स्थल है जो चारो और से बर्फ से ढके विशाल पर्वतो व दूरदूर तक फैले चीड़, देवदार तथा रोडोडेंड्रोन के घने जंगलो से घिरे हुए है जिसकी खूबसूरती पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है आईये जानते है पिथौरागढ़ के इन खूबसूरत पर्यटक स्थलों के बारे में 

1- Munsiyari: मुनस्यारी: मुंसियारी एक बेहद खूबसूरत पर्यटक स्थल है जो उत्तराखंड के जिला पिथौरागढ़ में स्थित है। ये एक सीमान्त गांव है जो एक तरफ से तिब्बत और दूसरी तरफ से इसकी सीमाएं नेपाल को छूती है। यहाँ की ख़ूबसूरती के कारण इसे भारत में छोटा कश्मीर कहकर भी जाना जाता है। वही मुन्सियारी के अधिकांश हिस्से में साल भर बर्फ पड़ी रहती है इसी कारण यह स्थल पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है।

यह चारो और से विशाल पर्वतो से घिरा हुआ है। वही मुनस्यारी के सामने एक विशाल पर्वत श्रंखला है जिसे विश्व प्रसिद् पंचाचूली चोटी के नाम से जाना जाता है जिसे पाँच चोटियों वाला पर्वत भी कहा जाता है। इसके बाई तरफ नन्दा देवी त्रिशूल पर्वत है दाई तरफ डानाधार है जो एक प्रसिद् पर्यटक स्थल भी है तथा पीछे की और खलिया टॉप है।

मुंसियारी में घूमने हेतु कई ऐसे पर्यटक स्थल है जो आपको आत्म शांति के साथ साथ मनोरंजक गतिविधियों में शामिल होने का भी मौका प्रदान करती है। यहाँ के मुख्य पर्यटक स्थलों में बिर्थी फॉल, माहेश्वरी कुंड, कालामुनि मन्दिर, बतुलीधार, दरकोट तथा विश्व प्रसिद्ध पंचाचूली चोटी है जहाँ पर्यटक मुन्सियारी यात्रा के दौरान घूमने हेतु जा सकते है।

2- Dharchula: धारचूला: धारचूला उत्तराखंड के जिला पिथौरागढ़ में स्थित एक बेहद खूबसूरत पर्यटक स्थल है जो अपने यहाँ फैले बर्फ से ढके विशाल पर्वतो व शांत वातावरण के कारण पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है यहाँ पर साल भर देशीविदेशी पर्यटकों का ताँता लगा रहता है यह खूबसूरत गांव एक सीमान्त गांव है जिसकी सीमायें नेपाल से लगा हुई है

धारचूला की दूरी पिथौरागढ़ से 90 किमी है जहाँ आप उत्तराखंड परिवहन की बस सेवा या टैक्सी अथवा प्राइवेट वाहन द्वारा आसानी से पहुंच सकते है

धारचूला दो शब्दों धार तथा चूला से मिलकर बना हुआ है जिसमे धार का अर्थ चोटी से तथा चूला का अर्थ स्टोव से है आकाश से देखने पर ये पूरा शहर स्टोव की तरह दिखाई देता है इसी कारण इसका नाम धारचूला पड़ा

धारचूला से काली नदी भी होकर बहती है जिसमे पर्यटक साहसिक खेलो जैसे राफ्टिंग और क्याकिंग का आनंद ले सकते है काली नदी भारत और नेपाल के बीच का बॉर्डर भी माना जाता है इसके अतिरिक्त धारचूला में कई ऐसे पर्यटक स्थल है जहाँ पर्यटक धारचूला यात्रा के दौरा जा सकता है यहाँ के प्रमुख पर्यटक स्थलों में नारायण आश्रम, ॐ पर्वत, मानसरोवर झील, चिरकिला डैम, आदि कैलाश आदि कई अन्य ऐसे पर्यटक स्थल है जहाँ पर्यटक धारचूला भ्रमण के दौरान घूमने जा सकता है 

3Jaulgibi: जौलजीबी: जौलजीबी पिथौरागढ़ का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है जो पिथौरागढ़ शहर से 68 किमी की दूरी पर स्थित है। यह एक ऐतिहासिक जगह है जहाँ पर भारत, नेपाल और चाइना की सामूहिक सांस्कृतिक झलक देखने को मिलती है।

यही पर गोरी नदी और काली नदी का भी संगम होता है जहाँ पर 10 दिनों हेतु एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता है जिसे देखने भारत के अलावा नेपाल और चीन से भी लोग मेले में शामिल होने हेतु पहुंचते है तथा अलग-अलग प्रकार के सामानो को बेचने हेतु स्टॉल आदि लगाते है। यह मेला मकर संक्रांति के दिन होता है तथा पूरे 10 दिन चलता है।

इस मेले की शुरुवात सबसे पहले अस्कोट गांव के ताल्लुकदार गजेंद्र बहादुर पाल द्वारा सन 1914 के दौरान की गई थी। मेले के अतिरिक्त जौलजीबी अपने यहाँ के वातावरण के कारण भी देश विदेश में प्रसिद्ध है। यहाँ पर साल भर ही पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। जौलजीबी चारो और से विशाल पर्वतो से घिरा होने के कारण सदियों से पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता आया है।

जौलजीबी में कई पर्यटक स्थल है जहाँ आप जौलजीबी भ्रमण के दौरान जा सकते है। यहाँ के प्रमुख पर्यटक स्थलों में नैना पीक, स्नो व्यू पॉइंट, हनुमान गड़ी तथा कालापानी है जहाँ पर एक गर्म पानी का स्त्रोत है जो ओसधिय गुणों से भरपूर माना जाता है। 

4- Chaukori: चौकौरी: यदि आप पिथौरागढ़ आये है तो चौकोरी जाये बिना आपकी यात्रा अधूरी मानी जाएगी चौकोरी पिथौरागढ़ का एक बेहद खूबसूरत व हरी भरी वादियों से घिरा एक छोटा सा गांव है जो पिथौरागढ़ के तहसील बेरीनाग में स्थित है चौकौरी समुद्र तल से लगभग 2,010 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जहाँ से आप नंदा देवी पर्वत चोटी के साथ ही नंदा कोट पर्वत और पंचाचूली चोटी का विहंगम द्रस्य देख सकते है

चौकौरी अपनी सुंदरता के कारण पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है जिस कारण देश विदेश से हजारो पर्यटक हर साल यहाँ आते है और यहाँ की खूबसूरती का लुत्फ़ उठाते है यहाँ दूर-दूर तक चीड़, देवदार और रहोडेंड्रॉन के वृक्ष लगे है जो यहाँ की सुंदरता को और अधिक बढ़ा देते है। यहाँ एक प्रसिद्ध मन्दिर भी बना है जो कपिलेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है जिसके दर्शन हेतु श्रद्धालु दूरदूर से यहाँ आते है व अपने परिवार के कल्याण हेतु प्रार्थना करते है

चौकौरी अपने यहाँ दूर तक फैले चाय के बागानों के कारण भी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है यहाँ की चाय का निर्यात विदेशो तक को किया जाता है इसके अतिरिक्त आप चौकौरी भ्रमण के दौरान यहाँ के धार्मिक स्थलों जैसे पाताल भुवनेश्वर, हाट हाट कालिका मन्दिर, कपिलेश्वर मंदिर, नाग देवता मन्दिर के अलावा यहाँ मौजूद चाय के बागानों के साथ ही नेचर वॉक और फोटोग्राफी का आनंद भी ले सकते है 

5- Askot: अस्कोट: अस्कोट एक खूबसूरत क़स्बा है जो चारो और से हरीभरी वादियों से घिरा हुआ है यह उत्तराखंड के जिला पिथौरागढ़ में स्थित है तथा डीडीहाट तहसील का एक छोटा सा क़स्बा तथा कनालीछीना का एक हिस्सा है जो पिथौरागढ़ और धारचूला के मध्य स्थित है

अस्कोट कैलाश मानसरोवर यात्रा का एक मुख्य पड़ाव भी है जिसके अंदर अस्कोट मृग संरक्षण हेतु एक अभ्यारण्य की स्थापना की गई थी जिसका निर्माण 1914 के दौरान किया गया था

यह अभ्यारण्य समुद्र तल से 5,412 मीटर की ऊचाई पर स्थित है तथा पिथौरगढ से 54 किमी की दूरी पर स्थित है जो प्रकर्ति प्रेमियों के बीच बहुत प्रसिद्ध है इस अभ्यारण्य का निर्माण हिमालयी भालू, कस्तूरी हिरन, भरल, कोक्लास और चुकर्स की सुरक्षा हेतु किया गया था अभ्यारण्य की स्थापना से यह स्थान फोटोग्राफी के शौक़ीन लोगो के लिए स्वर्ग के समान है फोटोग्राफर्स यहाँ आकर अपने फोटोग्राफ्री का शौक पूरा कर सकते है

What and Where to eat in Pithoragarh

पिथौरागढ़ में क्या और कहा खाये

पिथौरागढ़ एक छोटा सा जिला है जिसमे बहुत अधिक रेस्टारेंट न होकर शहर के ढाबो में ही यहाँ का मनपसंद खाना खाने को मिल जायेगा यहाँ के प्रसिद्ध भोजन में आप आलू के घुटके, भांग की चटनी, चैनसो, फानू, डुबुक, सिसूण साग, थेचवानी, काफूली, सना हुआ निम्बू, दाल बड़े, खीरे का रायता, सिंगोरी, बाल मिठाई, झंगोरे की खीर, सिंघल आदि प्रमुख व्यंजन है जो खाने में बहुत अधिक स्वादिष्ट लगते है

यहाँ बहुत अधिक बड़े रेस्टॉरेंट नहीं है फिर भी यहाँ के कुछ मुख्य रेस्टॉरेंट्स में सरस्वती स्वीट्स कार्नर, ज्योनार पैलेस रेस्टॉरेंट तथा मेघना रेस्टॉरेंट है जहाँ आप परिवार संग खाना खाने हेतु जा सकते है यहाँ मिलने वाला Chinese FoodNon Vegetarian भी खाने में बहुत आकर्षक होता है

Best Hotels in Pithoragarh

पिथौरागढ़ के प्रमुख होटल

पिथौरागढ़ भ्रमण के दौरान आपको यहाँ हर प्रकार के बजट होटल मिल जायेंगे जहाँ आप आसानी से रात्रि व्यतीत कर सकते है यहाँ पर कम बजट के साथ ही कुछ अधिक बजट में भी होटल आसानी से मिल जायेंगे यहाँ के मुख्य होटल निम्न है-

१- होटल मेघना (Hotel Meghna, Pithoragarh)

२- होटल पुनेठा (Hotel Punetha, Pithoragarh)

३- होटल मॉल पैलेस (Hotel Mall Palace, Pithoragarh)

४- होटल बाखली (Hotel Bakhali, Pithoragarh)

Weather in Pithoragarh

पिथौरागढ़ में तापमान

Pithoragarh in Summer: पिथौरागढ़ को यू ही नहीं छोटा कश्मीर कहकर जाना जाता है यहाँ का मौसम साल भर ही खुशनुमा बना रहता है गर्मियों का समय पिथौरागढ़ घूमने हेतु सबसे अनुकूल रहता है गर्मियों के समय पर यहाँ का तापमान न्यूनतम 7 डिग्री तक रहता है व अधिकतम 20 डिग्री तक चला जाता है यहाँ अमूमन गर्मियों की शुरुवात अप्रैल माह से शुरू हो जाती है जो जून तक का रहता है इसी मौसम में आप यहाँ होने वाले साहसिक खेलो जैसे पैरा ग्लाइडिंग, ट्रैकिंग आदि का लुत्फ़ उठा सकते है

Pithoragarh in Monsoon: पिथौरागढ़ का मौसम साल भर ही खुशनुमा बना रहता है फिर भी मानसून के समय पर यहाँ आने से बचना चाहिए इस दौरान अधिक बारिश होने के कारण यहाँ भूस्खलन व पहाड़ो के गिरने की घटनाये होती रहती है जिससे चोटिल होने की संभावनाए बनी रहती है यहाँ अमूमन मानसून की शुरुवात जून माह से हो जाती है जो सितम्बर तक रहती है इस मौसम के दौरान यहाँ चारो और हरियाली छायी रहती है जिस कारण आप पिथौरागढ़ की हरी भरी व खूबसूरत वादियों को देखने का आनंद ले सकते है

Pithoragarh in Winter’s: पिथौरागढ़ का मौसम साल भर ही खुशनुमा बना रहता है फिर भी यहाँ सर्दियों की शुरुवात अक्टूबर से होती है जो मार्च तक रहती है इस दौरान यहाँ का तापमान 0 डिग्री से भी नीचे चला जाता है व अधिकतम 8 डिग्री तक का रहता है इस दौरान यहाँ पर भारी मात्रा में बर्फवारी भी होती है जिसका आनंद लेने पर्यटक दूर दूर से यहाँ पहुंचते है  

How to reach Pithoragarh

How to reach Pithoragarh by Bus: पिथौरागढ़ सड़क मार्ग द्वारा भारत के अन्य हिस्सों से आसानी से जुड़ा हुआ है यहाँ की सड़के काफी अच्छी है उत्तराखंड परिवहन की बसों का पिथौरागढ़ हेतु सञ्चालन विभिन्न राज्यों और देश की राजधानी से निरंतर रूप से होता है दिल्ली से यहाँ तक की दूरी लगभग 460 किमी होती है वही उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से पिथौरागढ़ तक दूरी लगभग 500 किमी के आसपास पड़ती है उत्तराखंड के अन्य जनपदों से भी बसों का सञ्चालन लगातार होता है आप टैक्सी द्वारा भी पिथौरागढ़ आसानी से पहुंच सकते है

How to reach Pithoragarh by Train: पहाड़ी रास्ते होने के कारण पिथौरागढ़ का अपना कोई रेलवे स्टेशन नहीं है अपितु पिथौरागढ़ का नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर पड़ता है जो यहाँ से लगभग 140 किमी की दूरी पर स्थित है रेलवे स्टेशन से बाहर निकलकर आप उत्तराखंड बस सेवा व प्राइवेट टैक्सी कर एप गंतव्य तक आसानी से पहुंच सकते है काठगोदाम पिथौरागढ़ तक जाने हेतु एक अन्य रेलवे स्टेशन है जहाँ से पिथौरागढ़ तक की दूरी लगभग 180 किमी होती है यहाँ से भी आप सरकारी बसों व टैक्सी द्वारा पिथौरागढ़ आसानी से पहुंच सकते है

दिल्ली से यहाँ तक की दूरी लगभग 460 किमी होती है वही उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से पिथौरागढ़ तक दूरी लगभग 500 किमी के आसपास पड़ती है  

How to reach Pithoragarh by Air: पिथौरागढ़ में नैनी सैनी हवाई अड्डा स्थित है परन्तु मौसम के ख़राब होने के कारण इस वायु अड्डे से विमानो का सञ्चालन बंद कर दिया जाता है तथा पंतनगर हवाई अड्डे तक हवाई जहाजों का सञ्चालन किया जाता है जो नैनीताल जिले में स्थित है यहाँ से पिथौरागढ़ तक की दूरी 241 किमी है हवाई अड्डे के बाहर से आप सरकारी बस सेवा या टैक्सी द्वारा पिथौरागढ़ तक पहुंच सकते है

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