Binsar “A Beautiful Hill Station in
Almora”
बिन्सर“अल्मोड़ा में स्थित एक खूबसूरत पर्यटक स्थल”
About Binsar in Hindi: बिन्सर समुद्र तल से 2,412 मीटर की उचाई पर बसा एक बहुत ही खूबसूरत स्थल है। यहाँ से आप हिमालय की पर्वत चोटियों की लगभग 300 किमी लम्बी पर्वत श्रंखला देख सकते है जों यहाँ की सबसे बड़ी खूबसूरती है।
बिन्सर अल्मोड़ा से लगभग 33 किमी की दूरी पर स्थित है। गढ़वाली में बिन्सर का अर्थ“नव प्रभात” से होता है अर्थात नया सवेरा। यहाँ प्रातः काल की पहली किरण पर्यटको के मन को मोह लेती है।
यह पहले 11 वी शताब्दी
से 18 वी शताब्दी तक चंद राजाओ की राजधानी हुआ करती थी परन्तु
अब इसे बिन्सर वन्य जीव पार्क(Binsar Wildlife
Centuary) बना दिया गया है। यहाँ आपको तरह तरह के जंगली जानवर
जैसे तेंदुआ,
चीतल,
हिरण,
भालू,
लोमड़ी,
कस्तूरी हिरन, कठफोड़वा, मोनाल जैसे लगभग 200 जीव–जंतु आसानी से देखने को मिल जायेंगे।
बिन्सर वन्य जीव पार्क में कई जीव–जन्तुवो, वनस्पतियो तथा वन्य जीव की कई प्रजातियों का संरक्षण किया जाता है। यह पार्क लगभग 50 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है तथा प्रकर्ति प्रेमियों के लिए घूमने के लिए उपयुक्त जगह है।
ये स्थल घने देवदार के
वृक्षों से भरा हुआ है तथा घने जंगलो के बीच से ही आप शिखर पर पहुँच सकते है। यहाँ
शिखर पर पहुंचने पर आपको केदारनाथ, चौखम्बा, नंदाकोट, पंचोली, त्रिशूल की बर्फ से ढकी चोटियों को देखने को मिल जायेगा
बिन्सर झांडी धार की पहाड़ियों पर स्थित है इस कारण यहाँ के पहाड़“झांडी धार” के नाम से जाने जाते है।
यह स्थल अपने शांत वातावरण के लिए भी देश दुनिया में जाना जाता है। ये जगह भीड़ – भाड़ वाली जगह से हटकर है इस कारण शांति पसंद करने वालो व ट्रैकिंग के शौक़ीन लोगो के लिए ये स्थल पसंदीदा जगह बन चुकी है तथा धीरे धीरे इस स्थान पर आने वालो की भीड़ भड़ती जा रही है।

यहाँ पर बिन्सर महादेव का एक प्राचीन
मंदिर भी बना हुआ है जिसे राजा कल्याण चंद्र ने 16 वी शताब्दी के आसपास बनवाया था। ये मंदिर भगवान शिव और माता
पार्वती की स्थली मानी जाती है तथा उन्ही को अर्पित है। वही इसके गर्भ गृह में
गणेश,
महेशमर्दिनी और हरगौरी की मूर्तियाँ स्थापित है।
इस मंदिर को राजा पीथू ने अपने पिता राजा बिंदु की याद में बनवाया था जिस कारण इसे बिन्देश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ये मंदिर घने देवदार के जंगलो के बीच स्थित है। यहाँ आकर श्रद्धालुओं को अद्भुत शांति का अनुभव होता है।
इस मंदिर में प्रति
वर्ष एक विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है। इस समय वहाँ के मुख्य पंडित व पुजारी
बाबा मोहनगिरी जी महाराज है उन्ही के द्धारा यहाँ पर भण्डारे का आयोजन किया जाता
है जहाँ दूर–दूर से श्रद्धालु पूजा अर्चना व भण्डारे के प्रसाद
ग्रहण करने हेतु आते है।
यहाँ की सबसे अच्छी बात यह है की आप यहाँ पर साल के
किसी भी मौसम में आ–जा सकते है। यहाँ पर पूरे साल मौसम खुशनुमा बना रहता
है परन्तु अक्टूबर से मार्च के महीने में यहाँ की बात ही अलग होती है। उस समय यहाँ
का पूरा मौसम रंगीन बना रहता है तथा चारो और हरा–भरा दिखाई देता है।